Meen sankranti 2025: सूर्य मीन संक्रांति कब होगी, क्या है इसका महत्व?
Mina Sankranti 2025: 14 मार्च 2025 शुक्रवार को सूर्यदेव बृहस्पति की मीन राशि में सुबह 09 बजकर 28 मिनट पर गोचर करेंगे। सूर्य मेष राशि से अंतिम राशि मीन तक भ्रमण करता है। सूर्य के राशि परिवर्तन को संक्रांति कहते हैं। यह संक्रमण काल रहता है। सूर्य के मीन राशि में प्रवेश से खरमास यानी मलमास प्रारंभ हो जाता है।
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मीन संक्रांति का महत्व: जिस तरह चंद्रवर्ष के अनुसार फाल्गुन माह वर्ष का आखिरी माह है उसी तरह सौरवर्ष के अनुसार मीन संक्रांति आखिरी माह की संक्रांति होती है। यही कारण है कि इस संक्रांति का बहुत महत्व बढ़ जाता है। प्रत्येक माह सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में भ्रमण करते हैं। सूर्य के मीन राशि में संक्रमण करने की तिथि को मीन संक्रांति कहा जाता है।
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मीन संक्रांति के वर्जित कार्य: सूर्यदेव का जब-जब गुरु की राशि धनु एवं मीन में परिभ्रमण होता है या धनु व मीन संक्रांति होती है तो वह मलमास कहलाती है। ऐसे में सभी तरह के मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं। मलमास में नामकरण, विद्या आरंभ, कर्ण छेदन, अन्न प्राशन, उपनयन संस्कार, विवाह संस्कार, गृहप्रवेश तथा वास्तु पूजन आदि मांगलिक कार्यों को नहीं किया जाता है। मतलब यह कि 14 मार्च से 14 अप्रैल तक सभी मांगलिक कार्य बंद रहेंगे।
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मीन संक्रांति पर क्या करें: इस माह में अपने अराध्य देव की अराधना करें। सूर्यदेव को अर्घ्य दें। तिल, वस्त्र और अनाज का दान करें। गाय को चारा खिलाएं। गंगा, यमुना आदि पवित्र नदियों में स्नान करें। बृहस्पति का उपवास करें और उपाय भी करें। गुरुवार को मंदिर में पीली वस्तुएं दान करें।