वर्ष 2023 में 3 जुलाई, दिन सोमवार को गुरु पूर्णिमा पर्व (Guru Purnima 2023) मनाया जा रहा है। इस दिन ब्रह्म योग है, जो कि 03.45 पी एम तक जारी रहेगा। महर्षि वेद व्यास को प्रथम गुरु मानते हुए उनके सम्मान में हर वर्ष गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया जाता है।
महत्व : Guru Purnima Importance - महर्षि वेद व्यास ही थे जिन्होंने सनातन धर्म के चारों वेदों की व्याख्या की थी। पौराणिक मान्यता के अनुसार माना जाता है कि आषाढ़ पूर्णिमा को महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था। चूंकि गुरु वेद व्यास ने ही पहली बार मानव जाति को चारों वेद का ज्ञान दिया था, इसलिए वे सभी के प्रथम गुरु हुए। इसलिए उनके जन्मदिवस के दिन उनके सम्मान में यह पर्व मनाया जाता है। इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है।
प्राचीन समय में जब विद्यार्थी गुरु के आश्रम में निःशुल्क शिक्षा ग्रहण करता था, तो इसी दिन श्रद्धा भाव से प्रेरित होकर अपने गुरु का पूजन करके उन्हें अपनी शक्ति, अपने सामर्थ्यानुसार दक्षिणा देकर कृतकृत्य होता था। मान्यता नुसार इस दिन सभी आध्यात्मिक सद्गुरु और शिक्षा एवं जीवन का पाठ पढ़ाने वाले गुरुजनों को पूजन करने का महत्व है।
गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु पादुका पूजन, गुरु दर्शन करके उन्हें मिठाई, नेवैद्य, वस्त्र, दक्षिणा आदि भेंट देकर उनकी आरती करना चाहिए। गुरु चरणों में कुछ देर बैठकर उनकी कृपा प्राप्त करनी चाहिए। साथ ही गुरु पूर्णिमा के दिन कुछ खास मंत्रों का जाप भी अवश्य ही करना चाहिए। मान्यता है कि किसी भी गुरु मंत्र का लगातार जप करने से गुरु होने की पुण्य प्राप्ति करा सकता है।
गुरु पूर्णिमा मुहूर्त 2023 : Guru Purnima Muhurat 2023
3 जुलाई 2023, सोमवार : गुरु पूर्णिमा व्रत
आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ- 2 जुलाई 2023, दिन रविवार को 08.21 पी एम से प्रारंभ होगा तथा 3 जुलाई 2023, दिन सोमवार को 05.08 पी एम पर आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा का समापन होगा।
3 जुलाई : दिन का चौघड़िया
अमृत- 05.27 ए एम से 07.12 ए एम
शुभ- 08.56 ए एम से 10.41 ए एम
चर- 02.10 पी एम से 03.54 पी एम
लाभ- 03.54 पी एम से 05.39 पी एमवार वेला
अमृत- 05.39 पी एम से 07.23 पी एम
रात्रि का चौघड़िया
चर- 07.23 पी एम से 08.39 पी एम,
लाभ- 11.10 पी एम से 04 जुलाई को 12.25 ए एम,
शुभ- 01.41 ए एम से 04 जुलाई को 02.57 ए एम,
अमृत- 02.57 ए एम से 04 जुलाई को 04.12 ए एम,
चर- 04.12 ए एम से 04 जुलाई को 05.28 ए एम तक।
शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त- 04.07 ए एम से 04.47 ए एम
प्रातः सन्ध्या- 04.27 ए एम से 05.27 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 11.57 ए एम से 12.53 पी एम
विजय मुहूर्त- 02.45 पी एम से 03.40 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 07.22 पी एम से 07.42 पी एम
सायाह्न सन्ध्या- 07.23 पी एम से 08.24 पी एम
अमृत काल- 04 जुलाई से 04.08 ए एम से 05.34 ए एम तक।
निशिथकाल मुहूर्त- 04 जुलाई को 12.05 ए एम से 12.46 ए एम तक।
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