मंगलवार, 26 नवंबर 2024
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ग्रहण काल में जन्मे बच्चे पर क्या होगा असर और क्या हैं उसके उपाय?

ग्रहण काल में जन्मे बच्चे पर क्या होगा असर और क्या हैं उसके उपाय? | chandra grahan
धरती पर बहुत से लोग हैं जिनका जन्म अशुभ योग, अमावस्या या ग्रहण काल में होता है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि उक्त जातक का संपूर्ण जीवन ही खराब रहेगा या अशुभ रहेगा। ग्रहण काल में जन्म हुआ है तो यह भी देखा जाता है कि उस समय तिथि, नक्षत्र, वार और लग्न क्या है। संपूर्ण ग्रह नक्षत्रों को आधार बनाकर ही तय होता है कि जातक का भविष्य क्या होगा। यदि किसी बच्चे का ग्रहण काल में जन्म हुआ है तो यह उपाय कर सकते हैं।
 
 
यदि किसी जातक का जन्म ग्रहणकाल अर्थात सूर्यग्रहण, चंद्रग्रहण या अन्य किसी ग्रहण में हुआ है तो उसे व्याधि, कष्ट, दरिद्रता और मृत्यु का भय हो सकता है।
 
 
उपाय- ग्रहणकाल के जन्म की शांति के उपाय किसी पंडित के सानिध्य में विधिपूर्वक पूर्ण करें। इसके अलावा राहु और केतु का दान करते रहें।
 
हालांकि पंडित बताते हैं कि जिसका जन्म ग्रहणकाल में होता है उसे ग्रहण नक्षत्र के स्वामी तथा सूर्यग्रहण में सूर्य की तथा चंद्रग्रहण में चंद्रमा की मूर्ति बनाएं। सूर्य की प्रतिमा सोने की, चंद्रमा की प्रतिमा चांदी तथा राहु की प्रतिमा सीसे की बनाएं। इन ग्रहों के प्रिय वस्तु्ओं का दान करना चाहिए। फिर हवन किया जाता है परंतु नक्षत्र स्वामी के लिए पीपल की समिधा का इस्तेमाल करें। कलश के जल से जातक का अभिषेक करें और किसी योग्य ब्रह्मण को भोजन कराएं। इससे ग्रहणकाल में जन्म दोष दूर हो जाता है।
 
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