* 18 मार्च से हिन्दू नववर्ष, राजा-मंत्री होंगे सूर्य-शनि
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा गुड़ी पड़वा पर 18 मार्च, रविवार को विक्रम संवत 2075 का आरंभ होगा। इस नववर्ष विरोधकृत संवत्सर रहेगा जिसका राजा सूर्य तथा मंत्री शनिदेव होंगे। 10 सदस्यीय मंत्रिमंडल में 7 विभाग शुभ ग्रहों के पास रहेंगे। इनमें सूर्य के पास 2, चन्द्रमा के पास 3 तथा शुक्र के पास 2 विभाग होंगे।
मंत्रिमंडल का वर्षफल देखा जाए तो इस वर्ष समय पर बारिश होगी। धान्य का उत्पादन श्रेष्ठ रहेगा। बाजार में तेजी से व्यापार उन्नति करेगा। शनि न्याय का देवता होकर इस बार इन्हें मंत्री पद प्राप्त होने से भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। सूर्य को इस बार राजा का पद होने से प्रशासनिक भ्रष्ट अधिकारियों पर गाज गिरेगी।
जिस दिन संवत्सर का आरंभ होता है, उस दिन का अधिपति संवत्सर का राजा कहलाता है। इस बार रविवार के दिन नवसंवत्सर का आरंभ हो रहा है इसलिए इस वर्ष के राजा सूर्यदेव होंगे, मंत्री शनिदेव होंगे तथा अन्य विभाग इस प्रकार हैं- सस्येश चन्द्रमा, धान्येश सूर्य, मेघेष शुक्र, दुर्गेश शुक्र, रसेश बुध, नीरसेस चन्द्र, फलेश गुरु, धान्येश चन्द्र हैं।
मंत्रिमंडल का प्रभाव-
राजा का पद सूर्यदेव के पास- सूर्य तेजोमयी ग्रह होने से इस बार गर्मी का प्रकोप अधिक रहेगा। दूध का उत्पादन कम होने से दुग्ध पदार्थों के भाव बढ़ेंगे। बाजार में तेजी का रुख रहेगा। अग्नि भय रहेगा व राजनीति के क्षेत्र में विरोधाभास नजर आएगा।
मंत्री शनि- शनि दंडककारक होने से न्याय व्यवस्था अनुकूल होगी। शासन की नीतियों से जनमानस में असंतोष नजर आएगा। शासन-प्रशासन व निम्न अधिकारियों के बीच तालमेल की कमी रहेगी। आमजन को जीविकोपार्जन के लिए कड़ा परिश्रम करना होगा।
सस्येश चन्द्रमा- सस्येश चन्द्र के होने से वर्षा उत्तम होती है। खेत लहलहाते नजर आएंगे। अन्न की मात्रा दूनी होगी। देश के अधिकांश क्षेत्रों में वर्षा उत्तम रहेगी। फल-फूल व मेवा-मिष्ठान्न अधिक होंगे। प्रजा सुख-संपन्नता का आधार धर्म-अध्यात्म में ढूंढेगी।
धान्येश सूर्य- धान्येश सूर्य होने से वर्षा की कमी रहने से अन्न में तेजी रहेगी। राजनीतिक दलों में वर्चस्व का प्रभाव दिखाई देगा। गुड़-शकर में मंदी रहेगी। शीतकालीन फसलों में प्राकृतिक आपदा की आशंका रहेगी।
मेघेष शुक्र- वर्षा समयानुसार होगी। आपसी भाईचारा बढ़ेगा। बारिश बीच में कहीं-कहीं लंबी खिंच सकती है लेकिन वर्षा पर्याप्त होगी जिसका असर उत्तम खेती के रूप में नजर आएगा। सरकार की जन-धन योजनाओं के कारण विकास के काम नजर आएंगे।
दुर्गेश शुक्र- दुर्गेश शुक्र के होने से घर-परिवारों में मांगलिक कार्य होंगे। राजनेता विनम्र दिखाई देंगे। व्यापारी अपने व्यवसाय क्षेत्र में लाभान्वित होंगे। आपसी मतभेद दूर होंगे व सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी। कई मसले हल होंगे व शुभ कार्य में वृद्धि होगी।
रसेश बुध- रसेश बुध के होने से धन-धान्य तथा रस पदार्थों की मात्रा अधिक होगी। सज्जन लोग सुख महसूस करेंगे। समय-समय पर शासन की नीति से प्रजा को लाभ मिलेगा।
नीरसेस चन्द्र- सफेद रंग की वस्तुएं जैसे चावल, जुवार, लहसुन, कपास, साबूदाना, रवा-मैदा, वस्त्र, मोती, चांदी आदि के कारोबार में मध्यम तेजी होगी। इससे व्यापार में फायदा होगा।
फलेश गुरु- फलेश गुरु होने से सर्व प्रकार के कष्ट दूर होंगे। प्रजा में धार्मिकता का बोध होगा। बुद्धिजीवी वर्ग प्रसन्नता का अनुभव करेंगे। देश में महत्वपूर्ण मसलों को सुलझाने में धर्मगुरुओं का मार्गदर्शन मिलेगा। पैदावार उत्तम होगी।
धान्येश चन्द्र- धान्येश चन्द्र होने से व्यापार-व्यवसाय की दृष्टि से उत्तम रहेगा। आयात-निर्यात के क्षेत्र में वृद्धि होगी। उद्योगपतियों और कारोबारियों के लिए आर्थिक लाभ के मार्ग खुलेंगे।
कुल मिलाकर देखा जाए तो इस वर्ष वर्षा उत्तम होने से सभी ओर खुशहाली नजर आएगी, न्याय व्यवस्था में जनमानस का विश्वास बढ़ेगा। धार्मिक आयोजन होंगे व धर्म के प्रति आस्था का संचार होगा। चहुंओर खुशहाली देखने को मिलेगी।