गृह मंत्री पी चिदम्बरम द्वारा पेश उड़ीसा नाम पर्वितन विधेयक 2010 और इसी संबंध में संविधान 113 वाँ संशोधन विधेयक को सदन ने संक्षिप्त चर्चा के बाद पारित कर दिया।
चिदम्बरम ने इन दोनों विधेयकों को पेश करते हुए कहा कि उड़ीसा सरकार ने राज्य का नाम बदलकर ओडिशा करने और इसी के अनुसार इसके हिन्दी अनुवाद को परिवर्तित करने के लिए उड़ीसा विधान सभा द्वारा पारित प्रस्ताव को दिसम्बर 2008 में केन्द्र सरकार को भेजा था। उसी संदर्भ में यह विधेयक यहाँ पेश किया गया है।
गृह मंत्री ने कहा कि संघीय व्यवस्था की सच्ची भावना के अनुरूप संसद ने उड़ीसा के लोगों की इच्छा का सम्मान किया है।
इससे साथ ही सदन ने उड़ीया भाषा के स्थान पर ओडिया भाषा करने संबंधी संशोधन को भी मंजूरी दे दी।
विधेयक पर हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस और बीजू जनता दल के सदस्यों के बीच नोकझोंक भी हुई जब कांग्रेस के भक्त चरण दास ने इस विधेयक पर चर्चा के बहाने उड़ीसा सरकार पर हमला बोलने का प्रयास किया और राज्य सरकार पर आदिवासियों की कीमत पर कंपनियों के हाथों खेलने का आरोप लगाया।
उन्होंने राज्य सरकार को बर्खास्त करने की भी माँग की जिसका बीजू जनता दल के सदस्यों ने कड़ा प्रतिवाद किया। (भाषा)