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Written By संदीप श्रीवास्तव
Last Updated : सोमवार, 25 अप्रैल 2022 (13:03 IST)

लाउडस्पीकर विवाद पर क्या है अयोध्या के संतों का मत

लाउडस्पीकर विवाद पर क्या है अयोध्या के संतों का मत - Uttar Pradesh Yogi Adityanath Hanumangarhi Satyendra Das
अयोध्या। देश में धार्मिक स्थलों को लेकर चल रहे लाउडस्पीकर विवाद पर उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है कि सभी धार्मिक स्थलों के परिसर के अंदर ही लाउड स्पीकर की आवाज रहे, बाहर न जाए और अन्य लोगों को भी कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए।

इस फैसले का अयोध्या के संत और मुस्लिम पक्षकारों ने किया स्वागत किया है। अयोध्या हनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास ने कहा कि दिन भर में 5 बार नमाज की तेज आवाज से लोग परेशान होते थे और बहुत से लोगों ने लाउडस्पीकर की आवाज को लेकर आपत्ति की थी।

मंदिरों में लाउडस्पीकर उतार दिए गए या वॉल्यूम इतना कम कर दिया गया कि किसी को इससे परेशानी न हो। अभी तक हम लोग कह रहे थे तो मुस्लिम समाज के लोग बात नहीं मान रहे थे। अब प्रशासन ने कहा है तो मुस्लिम समाज के लोगों को मानना चाहिए। श्री रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि लाउडस्पीकर को लेकर इस समय बयानबाजी का दौर तेज है।

यहां मुख्यमंत्री का आदेश सराहनीय हैं। किसी को भी लाउडस्पीकर से ना हो समस्या इसका सभी को ध्यान रखना चाहिए। अत्यधिक तेज आवाज से ध्वनि प्रदूषण होती हैं। ऐसी आवाज रहे कि परिसर के बाहर न हो ध्वनि प्रदूषण। दूसरी ओर बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी ने मुख्यमंत्री योगी का समर्थन करते हुए कहा कि लाउडस्पीकर के आवाज से किसी को असुविधा नहीं होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री का आदेश सराहनीय हैं। अगर सरकार ने परिसर के अंदर लाउडस्पीकर की आवाज रखने की बात कही है तो सही है। हम योगीजी के फैसले का स्वागत करते हैं। अयोध्या तपस्वी छावनी के महंत स्वामी परमहंस ने आपत्ति करते हुए कहा है कि हनुमान चालीसा व राम नाम संकीर्तन पर किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं लगना चाहिए जिसका केंद्र व प्रदेश कि सरकारों से आग्रह किया हैं क्योंकि राम नाम संकीर्तन व हनुमान चालीसा से ही लोगो के अंदर आदबुद्धि आती हैं और दुनिया का कल्याण होता हैं।

यह देश बजरंगबली का हैं और बजरंग बलि का ही रहेगा। हिन्दुस्तान में अजान व अली कि जरूरत नहीं हैं क्योंकि इस्लाम के पैदाइश से पहले से ही राम नाम संकीर्तन व हनुमान चालीसा होता था और हमेशा होता ही रहेगा। इस पर रोक लगने से देश में अनिष्ट होने की आशंका होगी।