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Written By Author अवनीश कुमार
Last Updated : गुरुवार, 25 मार्च 2021 (12:23 IST)

फर्जी कॉल सेंटर से बेरोजगारों को रोजगार देने के नाम पर करता था ठगी, हुआ गिरफ्तार...

Fake call center | फर्जी कॉल सेंटर से बेरोजगारों को रोजगार देने के नाम पर करता था ठगी हुआ गिरफ्तार...
कानपुर। उत्तरप्रदेश के कानपुर में बुधवार देर रात डीआईजी की स्वॉट टीम ने फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा किया है। टीम ने मॉल रोड और चुन्नीगंज स्थित कॉल सेंटर में छापेमारी की करते हुए पुलिस ने मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया है। कॉल सेंटर में नौकरी करने वाली 16 युवतियों को भी पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि सरगना युवतियों के जरिए बेरोजगार लोगों के फोन पर कॉल कराता था। फिर विदेश में नौकरी दिलाने का झांसा देकर रुपयों की मांग करता था। एक बार उनकी बातों के झांसे में आने के बाद अगर युवक पैसे खाते में डाल देता था तो फिर वह नंबर स्विच ऑफ हो जाता था।

 
कैसे करते थे काम? : स्वॉट टीम प्रभारी अमित तोमर ने बताया कि प्रतापगढ़ निवासी हरिओम पांडे को गिरफ्तार किया है। मास्टरमाइंड हरिओम परिवार के साथ गाजियावाद में फ्लैट लेकर रह रहा है। उसने फर्जी कॉल सेंटर का मुख्यालय ऑफिस नोएडा में बना रखा है जिसकी जिम्मेदारी उसने अपने गुर्गे अजय और विवेक को सौंप रखी थी। बुधवार की देर रात हरिओम कानपुर में अपनी ब्रांच में निरीक्षण करने आया था। सर्विलांस की मदद से पुलिस ने सबसे पहले ग्लोबस मॉल की छठी मंजिल पर बने फर्जी कॉल सेंटर में छापेमारी की। यहां पुलिस को 8 युवतियां काम करते हुए मिलीं। फिर चुन्नीगंज स्थित कॉल सेंटर में छापा मारा गया। यहां भी पुलिस को 8 युवतियां मिलीं। पुलिस ने छापेमारी के दौरान लैपटॉप, सिमकार्ड, कम्प्यूटर, फोन व कई उपकरण बरामद किए हैं।

 
ठगी के जरिए कमाते 25 लाख रुपए : स्वाट प्रभारी के मुताबिक आरोपित से पूछताछ में सामने आया है कि गिरोह दिल्ली से लोगों के फोन नंबरों का डाटा खरीद लेता था। यह नंबर कॉल सेंटर में भेज दिए जाते थे। फिर युवतियां लोगों को विदेश में नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनसे ठगी करती थीं। गिरोह के द्वारा एक मेल आईडी दी जाती थी और रुपयों की डिमांड की जाती थी। पैसा खाते में जाते ही सब कुछ बंद हो जाता था। ये गिरोह महीने में दो से ढाई हजार बेराजगारों को ठगते थे जिनसे 20 से 25 लाख रुपए महीने की कमाई होती थी। कॉल सेंटर में करीब 15 से 20 लड़कियां नौकरी पर रखी हुई थीं जिन्हें ये 10 से 12 हजार रुपए प्रतिमाह देते थे।
 
क्या बोले एसपी वेस्ट? : एसपी वेस्ट डॉ. अनिल कुमार ने बताया है कि स्वॉट टीम ने फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा किया है। फर्जी कॉल सेंटर से बेरोजगारों के साथ ठगी करने का काम किया जा रहा था। पुलिस ने इनके पास से करीब 3 दर्जन से अधिक मोबाइल फोन, लैपटॉप और डायरियां मिली हैं। सभी मिले हुए समान की जांच करते हुए कार्रवाई की जा रही है।