सोमवार, 1 दिसंबर 2025
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Last Modified: कानपुर , बुधवार, 24 सितम्बर 2025 (19:47 IST)

कक्षा 9 से 12 में छात्राओं को प्रतिदिन निशुल्क मिड डे मील उपलब्ध कराने वाला प्रदेश का पहला विद्यालय बना कानपुर का जीजीआईसी चुन्नीगंज

Free Mid Day Meal
मिशन शक्ति का नवाचार, जीजीआईसी चुन्नीगंज की 9 से 12 की छात्राओं की थाली में इस्कॉन का स्वाद
सीएम योगी के मार्गदर्शन में हुई अनूठी पहल, चुन्नीगंज की छात्राओं को प्रतिदिन मिलेगा निःशुल्क मिड-डे-मील
समाज और प्रशासन की साझेदारी से पोषक व्यंजनों से सजेगी जीजीआईसी की थाली
 
GGCI Girls Inter College Kanpur: बरगद की छांव से छनकर आती धूप, अनुशासन में सजी कतारें और थालियों में परोसा गरमागरम भोजन। मंगलवार को कानपुर के राजकीय बालिका इंटर कॉलेज (जीजीआईसी) चुन्नीगंज में यह नज़ारा किसी त्यौहार से कम नहीं था। मिशन शक्ति के अंतर्गत पहली बार कक्षा 9 से 12 तक की छात्राओं को निःशुल्क मिड-डे-मील उपलब्ध कराने का शुभारंभ हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में कक्षा 9 से 12 में इस पहल को शुरू करने वाला जीजीआईसी चुन्नीगंज प्रदेश का पहला विद्यालय बन गया। 
 
डीएम ने स्वयं छात्राओं के साथ बैठकर किया भोजन : इस पहल से अब विद्यालय की कक्षा 9 से 12 तक की 456 छात्राओं को प्रतिदिन पौष्टिक भोजन मिलेगा। खास बात ये भी रही कि जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने स्वयं छात्राओं के साथ बैठकर भोजन किया और इस नई पहल की शुरुआत की। इससे पहले राज्य सरकार की योजना केवल कक्षा 6 से 8 तक सीमित थी। जिलाधिकारी की पहल पर इस्कॉन कानपुर और अचिन्त्य फाउंडेशन ने आगे बढ़कर जिम्मेदारी ली है कि उच्च कक्षाओं की छात्राओं को भी रोजाना भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।
 
कक्षाओं में उपस्थिति बेहतर होने की उम्मीद :  विद्यालय की प्रिंसिपल मंगलम गुप्ता ने बताया कि संस्थान में कुल 705 छात्राएं अध्ययनरत हैं। इनमें कक्षा 6 से 8 तक की 249 छात्राओं को अक्षयपात्र फाउंडेशन के माध्यम से पहले से ही भोजन मिल रहा है, जिसकी वजह से उनकी उपस्थिति 80 प्रतिशत से अधिक है। जबकि कक्षा 9 से 12 की 456 छात्राओं की उपस्थिति लगभग 50 प्रतिशत तक सिमटी रही। भोजन मिलने से बड़ी कक्षाओं में भी उपस्थिति बेहतर होने की उम्मीद है।
 
प्रतिदिन निःशुल्क भोजन की आपूर्ति : इस्कान के प्रभु अमृतेश कृष्ण दास ने कहा कि स्थानीय गतिविधियों के अंतर्गत हम जिला प्रशासन का पूरा सहयोग करने के लिए तत्पर हैं ताकि हमारा समाज भूख से मुक्त हो सके। हमारी पूरी योजना तैयार है और हम प्रतिदिन पांच हज़ार लोगों को भोजन उपलब्ध कराने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने कहा कि इस्कॉन द्वारा विद्यालय को प्रतिदिन निःशुल्क भोजन की आपूर्ति की जाएगी।
 
20 लाख रुपए प्रतिवर्ष का व्यय : समाजसेवी एवं अचिन्त्य फाउंडेशन के निदेशक अभिषेक अग्रवाल ने कहा कि इस योजना पर लगभग 20 लाख रुपये प्रतिवर्ष का व्यय आएगा, जिसे इस्कॉन, अचिन्त्य फाउंडेशन और अन्य समाजसेवियों के सहयोग से पूरा किया जाएगा।
 
छात्राओं की सेहत और पढ़ाई दोनों में सकारात्मक असर होगा : जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि यह पहल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के मिशन शक्ति से जुड़े विजन के अनुरूप शिक्षा और पोषण को जोड़ने का प्रयास है। डीएम ने बताया कि इससे छात्राओं की सेहत और पढ़ाई दोनों में सकारात्मक असर होगा और समाज की भागीदारी से शिक्षा को और सशक्त बनाया जा सकेगा। जिलाधिकारी ने इसके साथ ही जनसहयोग से कक्षा 9 से 12 की 456 छात्राओं को स्कूली ड्रेस एवं जूते भी उपलब्ध कराए हैं, जिससे उन्हें पढ़ाई में और सुविधा मिलेगी।
 
अन्य जनपद भी अपना सकते हैं मॉडल : प्रदेश में मिड-डे-मील योजना वर्षों से कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए संचालित हो रही है। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस योजना से स्कूल छोड़ने की दर में कमी आई और छात्र-छात्राओं की उपस्थिति में वृद्धि हुई। जीजीआईसी चुन्नीगंज का यह प्रयोग अब उच्च कक्षाओं तक मिड-डे-मील की संभावनाओं को खोलता है। यदि यह मॉडल सफल होता है, तो इसे जनपद के अन्य विद्यालयों में भी लागू किया जाएगा। इस अवसर पर डीआईओएस संतोष कुमार राय, समाजसेवी दिशा अरोड़ा सहित विभिन्न अधिकारी एवं विद्यालय की छात्राएं मौजूद थी।
 
हर दिन थाली में अलग स्वाद : इस्कॉन द्वारा जीजीआईसी चुन्नीगंज की छात्राओं के लिए मिड-डे-मील का मेन्यू इस तरह तैयार किया गया है कि थाली में पौष्टिकता के साथ स्वाद का संतुलन भी बना रहे। सप्ताह के हर दिन कुछ नया मिलेगा—
 
सोमवार – कढ़ी पकोड़ा, आलू-परवल, चावल, रोटी
मंगलवार – चावल, मूंग दाल, रोटी, सोया आलू
बुधवार – चावल, अरहर दाल, रोटी, चना आलू
गुरुवार – चावल, मूंग दाल छिलका, रोटी, आलू सीताफल
शुक्रवार – चावल, रोटी, छोला, हलवा
शनिवार – चावल, राजमा, मिक्स सब्ज़ी, रोटी
 
यह विविधता न केवल बच्चों के स्वाद को लुभाएगी, बल्कि उनके पोषण स्तर को भी बेहतर बनाएगी।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
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