मंगलवार, 18 नवंबर 2025
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. उत्तर प्रदेश
  4. A grand event will be held in Ayodhya under supervision of CM Yogi, with 6000 distinguished guests attending

सीएम योगी की निगरानी में अयोध्या में होगा भव्य कार्यक्रम, 6000 विशिष्ट अतिथि होंगे शामिल

25 नवंबर का दिन बनेगा स्वर्णिम, ध्वजारोहण के साथ मंदिर पूर्णता की ओर, सुरक्षा अभेद्य, आधार अनिवार्य, अतिथियों के लिए विशेष व्यवस्था, अयोध्या में पहली बार शिखर पर ध्वज फहराएंगे प्रधानमंत्री, विश्व को म

Chief Minister Yogi Adityanath
Flag hoisting at Ayodhya Ram Mandir: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सीधे निगरानी में अयोध्या एक बार फिर इतिहास के स्वर्णिम क्षण का साक्षी बनने जा रही है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के भव्य निर्माण के बाद अब 25 नवंबर को एक और ऐतिहासिक अध्याय लिखा जाएगा, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर के मुख्य शिखर पर ध्वजारोहण करेंगे। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंदिर परिषद में मौजूद रहेंगे। यह क्षण न केवल मंदिर की पूर्णता का संदेश पूरे विश्व तक पहुंचाएगा, बल्कि सदियों से रामभक्तों की आस्था और संघर्ष का प्रतीक बनकर उभरेगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि ध्वजारोहण के साथ मंदिर निर्माण यात्रा अपने सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव पर पहुंचेगी। यह आयोजन हर रामभक्त के लिए अविस्मरणीय और आध्यात्मिक रूप से अत्यंत ऊर्जावान होगा।
 
छह हजार विशिष्ट अतिथि होंगे शामिल : ट्रस्ट की ओर से आयोजित इस भव्य समारोह में पूर्वी उत्तर प्रदेश, अयोध्या मंडल तथा आसपास के जिलों से करीब छह हजार चुनिंदा मेहमान शामिल होंगे। सभी मेहमानों को 24 नवंबर को ही अयोध्या पहुंचने का अनुरोध किया गया है, ताकि किसी प्रकार की भीड़ या असुविधा की स्थिति न बने। प्रवेश के लिए सुबह 7:30 बजे से 9:00 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है, जिसके लिए सभी को अधिकृत पास प्रदान किए जाएंगे।
 
दोपहर दो बजे तक चलेगा कार्यक्रम : ध्वजारोहण कार्यक्रम दोपहर लगभग दो बजे तक चलेगा। सुरक्षा कारणों से आधार कार्ड साथ लाना अनिवार्य किया गया है। इसके अलावा कोई भी व्यक्ति लाइसेंसी रिवॉल्वर या किसी प्रकार का हथियार लेकर मंदिर परिसर में प्रवेश नहीं कर सकेगा। महासचिव चंपत राय ने स्पष्ट अपील की है कि मेहमान समारोह में बिना किसी हथियार के ही आएं।
 
भोजन-पानी और ठहरने की विशेष व्यवस्था : भीड़ और असुविधा से बचाने के लिए इस बार प्रशासन और ट्रस्ट ने बड़े स्तर पर तैयारियां की हैं। ठहरने के लिए आश्रम, होम स्टे, बाग बिगेसी, कारसेवकपुरम आदि स्थानों पर लगभग तीन हजार लोगों के लिए ठोस व्यवस्था की गई है। शेष मेहमानों को अन्य सुरक्षित स्थलों पर ठहराया जाएगा। मंदिर परिसर के भीतर ही बैठने की उचित व्यवस्था रहेगी। सभी मेहमानों के लिए भोजन एवं पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। समारोह के दौरान मेहमान रामलला के दर्शन करेंगे तथा कार्यक्रम के अंत में सभी को पवित्र प्रसाद वितरित किया जाएगा। यह प्रसाद रामलला की कृपा एवं आशीर्वाद का प्रतीक माना जा रहा है।
 
अयोध्या के विकास और मंदिर की महिमा का वैश्विक संदेश : यह आयोजन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि अयोध्या के तेजी से बदलते स्वरूप और राम मंदिर की भव्यता का वैश्विक प्रदर्शन भी है। प्रधानमंत्री द्वारा मंदिर के मुख्य शिखर पर किया जाने वाला ध्वजारोहण इस बात का प्रतीक होगा कि सदियों की प्रतीक्षा के बाद रामलला अब अपने दिव्य और भव्य मंदिर में विराजमान हैं। चंपत राय का कहना है कि यह ध्वजारोहण मंदिर निर्माण के अंतिम चरण की औपचारिक घोषणा जैसा होगा, जिसके बाद दुनिया को यह संदेश जाएगा कि मंदिर का स्वरूप अब पूर्णता की ओर अग्रसर है।
 
प्रशासन ने झोंकी पूरी ताकत  : कार्यक्रम को भव्य और त्रुटिहीन बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रशासन, पुलिस और ट्रस्ट लगातार तैयारी में जुटे हैं। सुरक्षा के अभेद्य इंतजाम किए गए हैं। यातायात व्यवस्था, भीड़ प्रबंधन, अतिथियों की सुरक्षा और सुविधाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। कुल मिलाकर, 25 नवंबर का दिन अयोध्या के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज होने वाला है। मंदिर के शिखर पर फहराते ध्वज और प्रधानमंत्री मोदी का यह ऐतिहासिक क्षण आने वाली पीढ़ियों के लिए भी स्मरणीय बन जाएगा।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
ये भी पढ़ें
Delhi Blast मामले में नया खुलासा, धमाके वाली जगह मिले 9 MM के कारतूस, आखिर क्या था डॉ. उमर का टारगेट