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Last Updated : गुरुवार, 14 सितम्बर 2023 (10:12 IST)

RBI की वित्तीय संस्थानों को चेतावनी, कर्ज भुगतान के बाद 30 दिन में संपत्ति दस्तावेज सौंपें

RBI की वित्तीय संस्थानों को चेतावनी, कर्ज भुगतान के बाद 30 दिन में संपत्ति दस्तावेज सौंपें - RBI warns financial institutions
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को कर्जदारों के हित में महत्वपूर्ण कदम उठाया। आरबीआई ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों को कर्ज की पूरी राशि की अदायगी के बाद 30 दिन के भीतर चल या अचल संपत्ति से जुड़े मूल दस्तावेज संबंधित कर्जदाता को वापस करने तथा जो भी शुल्क लगाया गया है, उसे हटाने का निर्देश दिया।
 
आरबीआई ने एक अधिसूचना में कहा कि निर्देश का अनुपालन नहीं करने पर उसके दायरे में आने वाली इकाइयों (आरई) को 5,000 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से हर्जाना देना होगा।
 
केंद्रीय बैंक ने कहा कि वित्तीय संस्थान ऐसे चल या अचल संपत्ति दस्तावेजों को जारी करने में अलग-अलग रुख अपनाते हैं, जिससे ग्राहकों की शिकायतें और विवाद बढ़ते हैं।
 
आरबीआई ने कहा कि उचित व्यवहार संहिता और चीजों को एक समान बनाने के मकसद से बैंकों और उसके दायरे में आने वाले अन्य वित्तीय संस्थान कर्ज की पूरी राशि की अदायगी/निपटान के बाद चल या अचल संपत्ति से जुड़े सभी मूल दस्तावेज 30 दिन के भीतर संबंधित कर्जदाता को वापस करेंगे। साथ ही जो भी शुल्क पंजीकृत है, उसे हटाएंगे।
 
केंद्रीय बैंक ने कहा कि अगर इसमें कोई देरी होती है, तो संस्थान इस बारे में संबंधित कर्जदाता को इसके कारण के बारे में सूचना देंगे।
 
अधिसूचना में कहा गया है कि कर्जदाता को उसकी प्राथमिकता के अनुसार मूल चल/अचल संपत्ति दस्तावेजों को या तो उस बैंक शाखा से एकत्र करने का विकल्प दिया जाएगा जहां ऋण खाता संचालित किया गया था या संबंधित इकाई के किसी अन्य कार्यालय से जहां दस्तावेज उपलब्ध हैं।
 
चल/अचल संपत्ति के मूल दस्तावेजों की वापसी की समयसीमा और स्थान के बारे में कर्ज मंजूरी पत्रों में उल्लेख किया जाएगा।
 
आरबीआई ने यह भी कहा है कर्जदाता या संयुक्त कर्जदाताओं के निधन की स्थिति को लेकर वित्तीय संस्थान कानूनी उत्तराधिकारियों को चल/अचल संपत्ति के मूल दस्तावेजों की वापसी को लेकर पहले से प्रक्रिया निर्धारित करके रखेंगे।
 
अधिसूचना में कहा गया है कि चल/अचल संपत्ति के मूल दस्तावेजों के नुकसान या उसके गुम होने की स्थिति में संबंधित वित्तीय संस्थान कर्जदार को ऐसे दस्तावेजों की नकल /प्रमाणित प्रतियां प्राप्त करने में सहायता करेंगे और हर्जाने का भुगतान करने के साथ संबंधित लागत का बोझ भी उठाएंगे।
 
हालांकि, ऐसे मामलों में, वित्तीय संस्थानों के पास इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिये 30 दिन का अतिरिक्त समय उपलब्ध होगा और हर्जाने की गणना उसके बाद जाएगी। यानी कुल 60 दिन की अवधि के बाद हर्जाने का भुगतान करने की जरूरत होगी।
 
आरबीआई ने कहा कि ये निर्देश उन सभी मामलों पर लागू होंगे जहां मूल चल/अचल संपत्ति दस्तावेज एक दिसंबर, 2023 या उसके बाद जारी होने हैं। (भाषा)
Edited by : Nrapendra Gupta