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Last Modified: बुधवार, 31 मार्च 2021 (17:30 IST)

New Wage Code : 1 अप्रैल से नहीं बदलेगा आपका सैलरी स्ट्रक्चर, केंद्र सरकार लागू नहीं करेगी 4 लेबर कोड्‍स, जानिए कारण

New Wage Code : 1 अप्रैल से नहीं बदलेगा आपका सैलरी स्ट्रक्चर, केंद्र सरकार लागू नहीं करेगी 4 लेबर कोड्‍स, जानिए कारण - labor codes withholding on change in salary or working hours from april 1 this is the reason
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल से 4 लेबर कोड्स को लागू नहीं करने का फैसला किया है। इसका सबसे बड़ा कारण अभी राज्यों को कुछ नियमों को अंतिम रूप देना है।

इन चारों लेबर कोड्स को लागू नहीं करने के फैसले के चलते अब 1 अप्रैल से कर्मियों को टेक होम पे और कंपनियों की प्रोविडेंट फंड लायबिलिटी में कोई बदलाव नहीं होगा और सभी नियम वर्तमान की तरह जारी रहेंगे।
वेज कोड लागू होने के बाद बेसिक पे और प्रोविडेंट फंड की गणना में बड़ा बदलाव आ सकता है। लेबर संविधान की समवर्ती सूची की विषय है यानी कि इस पर केंद्र और राज्य अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में कोड्स के तहत नियमों को अधिसूचित कर सकते हैं। 
 
श्रम मंत्रालय ने इंडस्ट्रियल रिलेशंस, वेजे, सोशल सिक्योरिटी और अकुपेशनल हेल्थ सेफ्टी और वर्किंग कंडीशंस से जुड़े कानूनों को 1 अप्रैल 2021 से लागू करने का खाका तैयार किया था। इसके अलावा मिनिस्ट्री ने चारों कोड्स के तहत कानूनों को भी अंतिम रूप दे दिया था।

खबरों के मुताबिक राज्यों ने अभी चारों कोड्स के तहत नियमों को अभी अंतिम रूप नहीं दिया है। इसके चलते इन्हें 1 अप्रैल से लागू करने के फैसले पर रोक लगा दिया गया है। उत्तरप्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड समेत कुछ राज्यों ने ड्राफ्ट रूल्स को सर्कुलेट भी किया था।
 
New Wage Code लागू होने पर होते यह बदलाव :  नए वेज कोड के तहत एलाउंसेज पर 50 प्रतिशत का कैप लगाया गया है यानी कर्मचारी के ग्रॉस पे का 50 प्रतिशत बेसिक सैलरी होगा।
 
पीएफ योगदान बढ़ जाएगा क्योंकि बेसिक सैलरी के 12 प्रतिशत के बराबर पीएफ में जमा होता है। बेसिक सैलरी ग्रास सैलरी का 50 प्रतिशत हो जाएगा तो पीएफ की राशि खुद बढ़ जाएगी क्योंकि बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी होने से पीएफ योगदान भी उसी अनुपात में बढ़ जाएगा।  
 
खबर के मुताबिक श्रम मंत्रालय इस बात का इंतजार कर रहा है कि राज्य सरकारें श्रम सुधार के संबंध में नियम कायदे के साथ आए ताकि उसे लागू करने में परेशानी न आए। अभी तक सिर्फ जम्मू-कश्मीर ने नए लेबर कोड को अधिसूचित किया है जबकि कर्नाटक ने सिर्फ एक कोड पर काम किया है।
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