गुरुवार, 7 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. चुनाव 2022
  2. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022
  3. न्यूज: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022
  4. Uttar Pradesh Assembly Elections 2022
Last Modified: शनिवार, 26 फ़रवरी 2022 (08:02 IST)

UP Election : अयोध्या के 5 विधानसभा क्षेत्रों में से 4 में सपा-भाजपा में सीधी टक्‍कर, एक में त्रिकोणीय मुकाबला

UP Election : अयोध्या के 5 विधानसभा क्षेत्रों में से 4 में सपा-भाजपा में सीधी टक्‍कर, एक में त्रिकोणीय मुकाबला - Uttar Pradesh Assembly Elections 2022
अयोध्या जनपद में 5 विधानसभा क्षेत्र हैं। इन पांचों विधानसभा क्षेत्र में से 4 विधानसभा क्षेत्रों में सीधा मुकाबला भारतीय जनता पार्टी व समाजवादी पार्टी के बीच है। जिले का केवल एक विधानसभा क्षेत्र ऐसा है, जहां पर मुकाबला त्रिकोणात्मक दिख रहा है।

सबसे पहले जनपद की सबसे चर्चित विधानसभा, जिस पर पूरी दुनिया की निगाहें लगी हैं, वो है भारतीय जनता पार्टी की प्रतिष्ठा कही जाने वाली अयोध्या विधानसभा सीट। इसकी बात करें तो इस बार इस विधानसभा क्षेत्र में बड़े ही कांटे की टक्‍कर नेक टू नेक फाइट दिख रही है सपा-भाजपा के बीच।

समाजवादी पार्टी से पूर्व विधायक व मंत्री तेजनारायण पाण्डेय उर्फ़ पवन, वहीं भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान विधायक वेदप्रकाश गुप्ता हैं। दोनों पार्टी जी-तोड़ प्रयास कर रही हैं अपने-अपने प्रत्याशी की जीत के लिए। 2017 के चुनाव में वेदप्रकाश गुप्ता ने अपने निकटतम प्रतिद्ंदवी सपा के तेजनारायण पाण्डेय को 50440 वोटों से पराजित कर जीत दर्ज की थी।

49.20 फीसदी वोट भाजपा को और सपा को 26.0 फीसदी वोट प्राप्त हुए थे, वहीं 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा के तेजनारायण पाण्डेय ने भाजपा के पांच बार से विधायक लल्लू सिंह को 5405 मतों से पराजित कर नया रिकॉर्ड बनाया था। अयोध्या विधानसभा में यह चर्चा जोरों पर है कि भाजपा या सपा दोनों में से जो भी प्रत्याशी जीत दर्ज करेगा, उसकी जीत का मार्जिन बहुत अधिक नहीं होगा, क्योंकि लड़ाई काफी संघर्षपूर्ण है।

अयोध्या जनपद की बीकापुर विधानसभा की बात करें तो ये विधानसभा अनुसूचित जाति बाहुल्य विधानसभा है। इस विधानसभा में मुस्लिम मतदाता दूसरे नंबर पर और तीसरे नंबर पर पिछड़ी जाति के मतदाता हैं जिस कारण से यहां हमेशा समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी को सफलता मिलती रही है।

इस विधानसभा में पहली बार 1991 के विधानसभा चुनाव में राम लहर के दौरान संत श्रीराम द्विवेदी की जीत से भाजपा को सफलता हासिल हुई जिसके बाद लंबे अंतराल यानी 26 वर्षों के बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में मोदी लहर में शोभा सिंह ने जीत दर्ज की।

इस बार 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने विधायक शोभा सिंह के बेटे डॉ. अमित सिंह को प्रत्याशी बनाया है, जिनका सीधा मुकाबला सपा प्रत्याशी हाजी फिरोज खां उर्फ़ गब्बर से, वहीं बसपा ने यहां ब्राह्मण प्रत्याशी के रूप में सुनील पाठक को चुनाव मैदान में उतारा है। बीकापुर विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 344566 है, जिसमें पुरुष मतदाता 285388 व महिला मतदाता 160228 हैं, जो बीकापुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक का चुनाव करेंगे।

मिल्कीपुर विधानसभा की बात करें तो यह सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र है, इस विधानसभा क्षेत्र में भी सीधा मुकाबला भाजपा व सपा के बीच देखा जा रहा है। भाजपा ने इस विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे बाबा गोरखनाथ को चुनाव मैदान में उतारा है तो वहीं सपा ने पूर्व विधायक व कैबिनेट मंत्री रहे अवधेश प्रसाद को टिकट दिया है। इस विधानसभा की सीट अधिकतर सपा के खाते में ही रही है, वहीं बसपा व कांग्रेस 3-4 पायदान पर रही, लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में राम लहर में यहां भाजपा को सफलता हासिल हुई थी।

इस विधानसभा क्षेत्र में जातीय समीकरण देखे तो एसएसटी के साथ पिछड़ा वर्ग जाति की भूमिका अहम होती है। मुस्लिम व सामान्य जाति के मतदाता निर्णायक की भूमिका अदा करते रहे हैं। मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या है 356829 हैं, जिसमें पुरुष मतदाता 178186, महिला मतदाताओं की संख्या 149766 हैं।

रुदौली विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता 336546 हैं। यह विधानसभा मुस्लिम बाहुल्य कही जाती है। फ़िर भी भाजपा से दो बार, एक बार राम लहर में व दोबारा मोदी लहर में रामचंद्र यादव विधायक चुने गए। इस बार के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने यहां से रामचंदर यादव को ही प्रत्याशी बनाया है।

इस बार इस विधानसभा क्षेत्र में त्रिकोणात्मक मुकाबला देखने को मिल रहा है। जिसमें प्रमुख रूप से भाजपा के विधायक रामचंद्र यादव, सपा के पूर्व विधायक आनंद सेन यादव व बसपा से पूर्व विधायक अब्बास अली जैदी उर्फ़ रुश्दी मियां व ओवैसी ने भी अपनी पार्टी एआईएमआईएम से शेर अफगान को प्रत्याशी बनाया हैं।

अयोध्या जनपद की अति संवेदनशील विधानसभा गोसाईगंज है, जहां दो बाहुबली चुनाव मैदान में हैं। यहां विधानसभा 2012 में नए परिसीमन के बाद गठित हुई जिसके पहले विधायक के रूप में सपा से बाहुबली अभय सिंह चुने गए, जो कि प्रदेश में रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल करने की सूची में गिने जाते हैं। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्ंद्वी भाजपा गठबंधन अपना दल के प्रत्याशी इन्द्रप्रताप तिवारी उर्फ़ खब्बू को पराजित किया था।

वहीं 2017 के विधानसभा चुनाव में इन्द्रप्रताप तिवारी ने सपा के अभय सिंह को 11020 मतों से पराजित कर जीत दर्ज की। अब इस बार 2022 के विधानसभा चुनाव में फिर से दोनों बाहुबली आमने-सामने हैं। इस बार भाजपा ने इन्द्रप्रताप तिवारी की पत्नी आरती तिवारी को प्रत्याशी बनाया है, क्योंकि इन्द्रप्रताप तिवारी एक मामले में जेल में निरुद्ध हैं वहीं सपा ने पूर्व विधायक अभय सिंह को प्रत्याशी बनाया है।

गोसाईगंज विधानसभा में कुल मतदाता 393447, पुरुष मतदाता 201060, महिला मतदाता 18000 व थर्ड जेंडर 17 हैं। गोसाईगंज विधानसभा में चुनावी समीकरण की बात करें तो इस विधानसभा में सीधे तौर पर भाजपा व सपा के बीच मुकाबला है और ये मना जा रहा है कि जीत का अंतर इस बार बड़ा नहीं होगा। परिणाम क्या होता है, किसकी जय जयकार होती यह तो 10 मार्च को पता चल जाएगा। यहां मतदान 27 फरवरी को होना, जिसकी पूरी तैयारियां की जा चुकी हैं।
ये भी पढ़ें
Uttarakhand Election : उत्तराखंड में बच्चे ने डाला वोट, मुकदमा हुआ दर्ज, वीडियो वायरल