मऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को सपा और बसपा पर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में खंडित जनादेश लाने का 'खेल' खेलने का आरोप लगाते हुए कहा कि ये दोनों दल ऐसी स्थिति बनाने की फिराक में हैं, जिससे किसी को बहुमत ना मिले।
मोदी ने यहां आयोजित चुनावी रैली में कहा कि प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले तीन चरणों में अपनी हार पक्की होती देख सपा और बसपा ने नया खेल शुरू किया है। हम हारें तो भले हारें, हमारी सीटें कम हों तो हो जाएं लेकिन किसी को बहुमत नहीं मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा मैं सपा और बसपा से कहना चाहता हूं कि आप भाजपा को हराने के लिए चाहे जो करें, मुझे कुछ दिक्कत नहीं, लेकिन उत्तर प्रदेश के भविष्य के साथ खिलवाड़ मत करिए। आप सोचते हैं कि त्रिशंकु विधानसभा बनेगी तो आप लोगों को सौदेबाजी करने का मौका मिलेगा। यूपी की जनता ने लोकसभा चुनाव में बता दिया है। यही यूपी इस चुनाव में भी भारी बहुमत से भाजपा को वि बनाएगा।
प्रधानमंत्री ने दावा किया कि पश्चिम से पूरब तक, सब लोगों ने मान लिया है कि अब उत्तर प्रदेश में भाजपा और उनके साथी दलों की सरकार बन जाएगी। उन्होंने कहा कि भाजपा को प्रदेश में अकेले ही पूर्ण बहुमत मिलेगा, मगर इसके बावजूद सभी सहयोगी छोटे दल भी सरकार का हिस्सा होंगे।
मोदी ने सपा-कांग्रेस गठबंधन पर भी हमला किया और कहा कि शुरू में अखबारों में फोटो छपने लगी तो हौसला बुलंद हो गया कि जोड़ी जम गई। ऐसे नशे में आ गए कि सोचा कैमरे को मूर्ख बना लिया वैसे ही जनता को भी बना लेंगे, लेकिन जनता दूध का दूध और पानी का पानी करना जानती है।
उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उसकी स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की तरफ इशारा करते हुए कहा कि जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ा, कुछ लोगों ने खुद को प्रचार से अलग कर लिया।
मोदी ने कहा कि सपा, बसपा और कांग्रेस ने तमाम संसाधनों से सम्पन्न पूर्वांचल को पिछड़ा बनाए रखा। इसके लिए चुनाव में इन्हें सजा देने की जरूरत है। उन्होंने 11 जून 1962 को संसद में गाजीपुर के तत्कालीन सांसद विश्वनाथ गहमरी द्वारा पूर्वांचल की दुर्दशा बताते भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि हालात सुधारने के उपायों को लेकर गठित की गई एचएन पटेल समिति की रिपोर्ट को 50 साल तक डिब्बे में रखा गया। अब उनकी सरकार ने उस रिपोर्ट पर कार्रवाई शुरू की है।
प्रधानमंत्री ने प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार पर केन्द्र की फसल बीमा योजना लागू ना करने और केन्द्र के सहयोग के बावजूद किसानों से उनकी उपज नहीं खरीदने का आरोप भी लगाया।
बिजली के मुद्दे पर पहले भी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर भेदभाव का आरोप लगा चुके मोदी ने कहा, आपके मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि आपको बिजली मिलती है। आप लोग नसीब वाले हैं कि आपके यहां मतदान देर से हो रहा है, इसीलिए वह आपको बिजली दे रहे हैं, लेकिन जहां मतदान हो गया है वहां बिजली कट कर दी है। यह धोखा और चालाकी है या नहीं। उनमें इतनी गर्मी और अहंकार है कि जनता को मूर्ख बनाने में लगे हो। झूठ फैला रहे हो।
मोदी ने दावा कि कि केन्द्र सरकार सस्ती दरों पर बिजली देने को तैयार थी, तो भी प्रदेश सरकार नहीं लेती थी। उन्होंने कहा कि हमने बिजली देने के लिए 18 हजार करोड़ रुपया प्रदेश सरकार को दिया, मगर राज्य सरकार अब भी आधे के करीब धन खर्च नहीं कर पाई। ऐसी सरकार को एक भी दिन सत्ता में रहने का हक नहीं है। (भाषा)