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Last Modified: शुक्रवार, 26 अगस्त 2022 (17:35 IST)

हरतालिका तीज व्रत के 7 कड़े नियम

हरतालिका तीज व्रत के 7 कड़े नियम - Hartalika Teej Vrat ke niyam
Hartalika Teej Vrat : भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को महिलाएं हरतालिका का व्रत रखती हैं। इस बार अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह व्रत 30 अगस्त 2022 को रखा जाएगा। इस व्रत में कई कडे नियमों का पालन करना होता है। आओ जानते हैं उन्हीं कड़े नियमों में से कुछ प्रमुख नियमों के बारे में संक्षिप्त जानकारी।
 
व्रत के कड़े नियम : (Hartalika Teej Niyam)
1. मान्यता है कि यदि कोई भी कुंवारी या विवाहित महिला एक बार इस व्रत को रखना प्रारंभ कर देती हैं तो उसे जीवनभर यह व्रत रखना ही होता है। बीमार होने पर दूसरी महिला या पति इस व्रत को रख सकता है।
 
2. इस व्रत में किसी भी प्रकार से अन्न-जल ग्रहण नहीं किया जाता है। अगले दिन सुबह पूजा के बाद जल पीकर व्रत खोलने का विधान है।
 
3. ऐसी मान्यता भी है कि जिस भी तरह का भोजन या अन्य कोई पदार्थ ग्रहण कर लिया जाता है तो अन्न की प्रकृति के अनुसार उसका अगला जन्म उस योनि में ही होता है। लेकिन यह मान्यता एक जनश्रुति भर है।
 
4. इस व्रत में महिलाओं को रातभर जागना होता है और जागकर मिट्टी के बनाए शिवलिंग की प्रहर अनुसार पूजा करना होती है।
 
5. पूजा के अलावा महिलाएं रातभर जागकर भजन-कीर्तन भी करती हैं।
6. इस व्रत के दौरान हरतालिका तीज व्रत कथा को सुनना जरूरी होता है। मान्यता है कि कथा के बिना इस व्रत को अधूरा माना जाता है।
 
7. शिवजी, माता पार्वती और गणेशजी प्रतिमा को अगले दिन सुबह विधिवत विसर्जित करने के बाद पारण ही किया जाता है।