काबुल। तालिबान के कब्जे वाले अफगानिस्तान (Afghanistan) से अमेरिकी सेना पूरी तरह से वापस जा चुकी है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अफगानिस्तान पर पारित किया प्रस्ताव। आतंकियों का ना बने पनाहगाह। अफगानिस्तान से जुड़ी हर जानकारी...
11:30 AM, 31st Aug
-अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों की पूर्ण वापसी के बाद तालिबान ने काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे को पूरी तरह अपने नियंत्रण में ले लिया है।
-इस दौरान हवाई क्षेत्र के उत्तरी सैन्य हिस्से में हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के एकमात्र रनवे के पास कुछ वाहन चलते नजर आए।
-भोर होने से पहले, भारी हथियारों से लैस तालिबान के लड़ाके हैंगर के पास पहुंचे और अमेरिका विदेश मंत्रालय द्वारा निकासी अभियान में इस्तेमाल किए गए सात सीएच -46 हेलीकॉप्टरों वहां से रवाना होते हुए देखा।
08:54 AM, 31st Aug
-तालिबान ने देश से अमेरिकी बलों की पूर्ण वापसी के बाद अफगानिस्तान के पूरी तरह स्वतंत्र होने की घोषणा की। -तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा-सभी अमेरिकी सैनिक काबुल हवाईअड्डे से रवाना हो गए हैं और अब हमारा देश पूरी तरह स्वतंत्र है।
-तालिबान के लड़ाकों ने अमेरिकी विमानों को रवाना होते देखा और फिर हवा में गोलियां चलायी और अपनी जीत का जश्न मनाया।
08:17 AM, 31st Aug
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के जरिये नहीं बल्कि स्वतंत्र संगठनों के माध्यम से लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करना जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि तालिबान पर हमारे प्रतिबंधों के कारण यह सहायता सरकार के माध्यम से नहीं बल्कि स्वतंत्र संगठनों जैसे कि संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और गैर सरकारी संगठनों के जरिये प्रदान की जाएगी।
08:15 AM, 31st Aug
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने भारत की मौजूदा अध्यक्षता में सोमवार को अफगानिस्तान के हालात पर एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें मांग की गई है कि युद्ध प्रभावित देश का इस्तेमाल किसी देश को डराने या हमला करने या आतंकवादियों को पनाह देने के लिए नहीं किया जाए।
अमेरिका ने तय समय से 24 घंटे पहले ही अफगानिस्तान पूरी तरह से छोड़ दिया है। इसके साथ ही यहां 20 साल के अमेरिकी मिशन का अंत हो गया। अफगानिस्तान पर अब पूरी तरह से तालिबान का कब्जा हो गया है।
अफगानिस्तान से सेना वापसी पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक बयान जारी कर कहा कि अब अफगानिस्तान में हमारी 20 साल की सैन्य उपस्थिति समाप्त हो गई है। मैं अपने कमांडरों को अफगानिस्तान में खतरनाक जगहों पर अपनी सेवा के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।
उन्होंने कहा कि कि जैसा कि 31 अगस्त, काबुल समय की सुबह के समय में निर्धारित किया गया था और इस मिशन में और किसी सैनिक की जान नहीं गई।