2023 की सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर रहीं सविता पुनिया, लगातार तीसरी बार मिला अवॉर्ड
महिला टीम की कप्तान सविता पुनिया को मंगलवार को एफआईएच (अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ) के सालाना पुरस्कार में साल की सर्वश्रेष्ठ महिला गोलकीपर चुना गया।विजेताओं का चयन एक विशेषज्ञ पैनल द्वारा किया जाता है जिसमें राष्ट्रीय संघ (राष्ट्रीय टीमों के कप्तान और कोच), मीडिया के प्रतिनिधियों के अलावा प्रशंसकों का मतदान शामिल होता है।
सविता ने लगातार तीसरी बार इस खिताब को अपने नाम किया है। भारतीय गोलकीपर 2023 में शानदार लय में रही है। ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट मैचों से लेकर हांग्झोउ एशियाई खेलों में उन्होंने लगातार प्रभावित किया।
इस 33 साल की खिलाड़ी ने अक्टूबर में भारत में आयोजित एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में भारत को चैम्पियन बनने में अहम भूमिका निभाई।उन्होंने कहा, मैं सभी साथियों और सहयोगी स्टाफ के प्रति आभार व्यक्त करती हूं जिन्होंने खिलाड़ी और इंसान के रूप में मुझे आगे बढ़ने में मदद की। यह पुरस्कार मुझे कड़ी मेहनत करने और अपने देश के लिए और अधिक सफलता हासिल करने के लिए प्रेरित करेगा। उन सभी को धन्यवाद जिन्होंने मुझे मतदान किया।
नीदरलैंड की जैन डी वार्ड को साल की सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी चुना गया।टेरेसा लीमा (स्पेन) साल के सर्वश्रेष्ठ उभरते हुए खिलाड़ी चुने गये।चीन की महिला टीम की मुख्य कोच एलिसन अन्नान साल के सर्वश्रेष्ठ कोच चुने गये।अयाना मैक्लीन (त्रिनिदाद और टोबैगो) को साल के सर्वश्रेष्ठ अंपायर का पुरस्कार मिला।
वर्ष का गोलकीपर पुरस्कार का मतलब मैं सही दिशा में आगे बढ़ रही हूं: सविताभारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान सविता पूनिया ने गुरुवार को कहा कि लगातार तीसरी बार अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) का वर्ष का सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर चुने जाने का मतलब है कि वह सही दिशा में आगे बढ़ रही है।सविता को मंगलवार को लगातार तीसरी बार इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चुना गया।
हॉकी इंडिया की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार सविता ने कहा,यह पुरस्कार मेरे लिए सकारात्मक ऊर्जा का काम करेगा। इससे यह पुष्टि हो गई है कि मैं सही दिशा में आगे बढ़ रही हूं।उन्होंने कहा,टीम ने इस साल अच्छी फार्म बरकरार रखी है। अब हम 2024 की तरफ बढ़ रहे हैं और मेरा लक्ष्य अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखकर टीम को अगले महीने रांची में होने वाले हॉकी ओलंपिक क्वालीफायर्स के जरिए ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने का सर्वश्रेष्ठ मौका देना है।
सविता ने अपनी सफलता का श्रेय पूरी टीम को दिया।उन्होंने कहा, मैं यह पुरस्कार पाकर अभिभूत हूं। इस यात्रा में मैं अकेली नहीं हूं। इसमें पूरी टीम का योगदान है और इसलिए यह पुरस्कार मैं अपनी टीम को समर्पित करती हूं।
(भाषा)