नरिंदर बत्रा बनेंगे सर्वोच्च खेल संस्था के अध्यक्ष
नई दिल्ली। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की आम सभा ने आज एक प्रस्ताव पारित करके नरिंदर बत्रा का देश की इस सर्वोच्च खेल संस्था का अध्यक्ष बनने का रास्ता साफ कर दिया। आईओए आम सभा ने अपनी विशेष बैठक में सर्वसम्मति से 2012 और 2014 में चुने गए पदाधिकारियों और कार्यकारी परिषद के सदस्यों को 14 दिसंबर को होने वाले चुनावों में अध्यक्ष और महासचिव पद के लिए चुनाव लड़ने की अनुमति देने का फैसला किया।
यह विशेष आम सभा (जीबीएम) आईओए संविधान के अनुच्छेद 11(1) (सी) पर चर्चा और विवेचना करने के लिए बुलाई गई थी। इसमें कहा गया है, ‘अध्यक्ष और महासचिव पद के चुनाव के लिए यह अनिवार्य होगा कि केवल वही सदस्य जो पद पर थे और आईओए की पूर्ववर्ती कार्यकारी परिषद के सदस्य थे, चुनाव लड़ने के योग्य होंगे।’
आईओए उपाध्यक्ष तरलोचन सिंह ने बैठक के बाद कहा- ‘आज की बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव पारित किया गया कि 2012 और 2014 में चुनी गई कार्यकारी परिषद के पदाधिकारी और सदस्य अध्यक्ष और महासचिव पद का चुनाव लड़ने के योग्य होंगे।’ यह बैठक आधे घंटे से थोड़ा अधिक समय तक चली। निवर्तमान अध्यक्ष एन रामचंद्रन ने इसमें हिस्सा नहीं लिया और उनकी अनुपस्थिति में वरिष्ठ उपाध्यक्ष वीरेंद्र नानावटी ने बैठक की अध्यक्षता की।
आईओए चुनावों के चुनाव अधिकारी एसके मेंदीरत्ता पहले ही साफ कर चुके हैं कि 2012 और 2014 में चुनी गई कार्यकारी परिषद के पदाधिकारी और सदस्य अध्यक्ष और महासचिव पद का चुनाव लड़ सकते हैं। आज के फैसले के बाद बत्रा का शीर्ष पद पर चुनाव लड़ने का रास्ता भी साफ हो गया।
बत्रा के अलावा आईओए कोषाध्यक्ष अनिल खन्ना और उपाध्यक्ष बीरेंद्र प्रसाद बैश्य ने भी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरा है। बत्रा ने 26 नवंबर को नामांकन पत्रों के चार सेट जमा किए थे जिसमें मेहता प्रस्तावक और कोषाध्यक्ष अनिल खन्ना अनुमोदक थे। लेकिन खन्ना ने आखिर में खुद नामांकन भरकर सभी को चौंका दिया। बैश्य ने भी आखिरी क्षणों में अपना नामांकन भरा।
आईओए कार्यकारी परिषद के एक वरिष्ठ सदस्य ने गोपनीयता की शर्त पर कहा कि खन्ना के आखिरी क्षणों में नामांकन पत्र भरने और उसी पद के लिए किसी अन्य उम्मीद्वार का अनुमोदक होने के कारण अध्यक्ष पद की उम्मीद्वारी के अयोग्य करार दिए जा सकते हैं। उन्होंने पीटीआई से कहा कि ‘इस पर अंतिम निर्णय (खन्ना की अध्यक्ष पद के लिए योग्यता) पर चुनाव अधिकारी और चुनाव आयोग करेंगे। नामांकन पत्रों की कल जांच होगी और हम तय करेंगे कि वह (खन्ना) योग्य हैं या नहीं।’ अध्यक्ष पद के लिए अंतिम क्षणों में नामांकन पत्र भरने वाले बैश्य को बत्रा के बैकअप उम्मीद्वार के रूप में रखा गया था और वह बाद में अपना नाम वापस ले सकते हैं।
अन्य फैसलों में हरियाणा ओलंपिक संघ के पी वी राठी की अगुवाई वाले गुट को मान्यता दी गई। इसके अलावा आईओए कार्यकारिणी के नौ नवंबर को चेन्नई में भारतीय मुक्केबाजी संघ को इस खेल का एकमात्र खेल संघ के रूप में मान्यता देने के फैसले को भी आमसभा ने मंजूरी दी। दागी अधिकारी ललित भनोट भी बैठक समाप्त होने पर बैठक के स्थल पर पहुंचे। उन्हें बैठक में शिरकत करने वाले अधिकारियों के साथ बात करते हुए देखा गया। भनोट दिसंबर 2012 में आईओए महासचिव चुने गए थे लेकिन अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने उन्हें मान्यता नहीं दी थी। (भाषा)