भारत ने 16 साल में पहली बार एएफसी अंडर-16 चैम्पियनशिप के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया
कुआलालम्पुर। भारत ने हाल के समय में शानदार प्रदर्शन का सिलसिला जारी रखते हुए यहां गुरुवार को इंडोनेशिया से गोलरहित ड्रॉ खेलकर एएफसी अंडर-16 फुटबॉल चैम्पियनशिप के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया।
भारत ने इस तरह ग्रुप सी में तीन मैचों में पांच अंक जुटाए। इससे पहले भारत का इस चैम्पियनशिप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2002 में रहा था जिसमें उन्होंने ग्रुप चरण में चार अंक हासिल किए थे। इस ड्रॉ से भारत ग्रुप में दूसरे स्थान पर रहा और अब अगले चरण में उसका सामना दक्षिण कोरिया से हो सकता है।
मुख्य कोच बिबियानो फर्नांडिज ने इस क्षण को भारतीय फुटबॉल प्रशंसकों के लिए विशेष करार दिया। उन्होंने कहा, हम जहां पहुंचे हैं, उसके लिए हमने सचमुच में काफी मेहनत की है और हम ग्रुप चरण में अपने प्रदर्शन से बहुत खुश हैं। लड़कों ने मैदान पर अपना शत प्रतिशत दिया और हम अपनी योजना के अनुसार खेले।
क्वार्टर फाइनल में पहुंचने के बारे में उन्होंने कहा, यह भारत में हर किसी के लिए विशेष क्षण है। इसका श्रेय मेरे पूरे स्टाफ, जमींनी स्तर के कोचों को जाता है जिन्होंने इतनी कम उम्र में इन खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दी और साथ ही मेरे खिलाड़ियों को जिन्होंने दिन रात कड़ी मेहनत की। इंडोनेशिया की टीम पहले हाफ में बेहतर थी लेकिन गोल के आगे वह आत्ममुग्धता का शिकार बनी और भारत के डिफेंस ने उन्हें गोल से दूर रखा।
भारतीय टीम हालांकि छठे मिनट में ही बढ़त हासिल कर सकती थी लेकिन विक्रम प्रताप का हेडर गोल से जरा इंच ऊपर से निकल गया। इंडोनेशियाई खिलाड़ी इसके बाद सतर्क हो गए और उन्होंने भारतीय डिफेंस पर हमला किया। बीसवें मिनट में भारतीय खिलाड़ियों को बढ़त बनाने का स्वर्णिम मौका मिला, पर रिकी शाबोंग का बाक्स के अंदर से लगा शाट इंडोनेशिया डिफेंडर के पैर से डिफ्लेक्ट होकर कार्नर के लिए चला गया।
इंडोनेशिया के गेंद पर कब्जे के बावजूद गोलकीपर नीरज कुमार को पहली बार 27वें मिनट में शाट बचाने के लिए डाइव करना पड़ा। भारतीय डिफेंस कसा और एकजुट था जिससे इंडोनेशियाई आक्रमण नाकाम रहा। इंडोनेशिया दबदबे के बावजूद गोल करने का कोई सटीक मौका नहीं बना सका और उसे भारतीय डिफेंस ने गोल से दूर ही रखा।