प्रो कबड्डी में रिशांक देवाडिगा को यूपी योद्धा की कमान सौंपी
ग्रेटर नोएडा। स्टार रेडर रिशांक देवाडिगा को वीवो प्रो कबड्डी लीग के छठे सत्र के लिए उत्तर प्रदेश की टीम यूपी योद्धा की कमान सौंपी गई है। यूपी योद्धा ने गुरुवार को यहां अपनी जर्सी लांच के अवसर पर यह घोषणा की।
रिशांक को जहां टीम का कप्तान बनाया गया है वहीं अर्जुन सिंह टीम के कोच हैं। जीएमआर ग्रुप के स्वामित्व वाली इस टीम के घरेलू मैच ग्रेटर नोएडा स्थित शहीद विजय सिंह पथिक स्पोर्ट्स काम्पलैक्स में 2 - 8 नवंबर तक आयोजित किए जाएंगे। टीम ने इस मौके पर अपने नए टीवी अभियान के नारे 'सांस रोक सीना ठोक' को भी लांच किया।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के खेल मंत्री और पूर्व भारतीय क्रिकेटर चेतन चौहान भी मौजूद थे। चौहान ने यूपी योद्धा टीम को लीग के छठे सत्र के लिए अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा, यह टीम पिछले सत्र में प्लेऑफ तक पहुंची थी लेकिन इस बार हम उम्मीद करेंगे कि यूपी योद्धा खिताबी सफर तय करे। कबड्डी अब गली कूचे वाला खेल नहीं रहा है बल्कि यह पूरी तरह से पेशेवर खेल बन चुका है। मुझे उम्मीद है कि यह टीम इस बार हमारी उम्मीदों को पूरा करेगी।
1 करोड़ 11 लाख रुपए की कीमत पर यूपी योद्धा टीम में गए रिशांक ने इस सत्र में अच्छे प्रदर्शन का भरोसा जताते हुए कहा, पिछले सत्र में हम प्लेऑफ में पहुंचे थे लेकिन इस बार हमने अपने खेल में और ट्रेनिंग में काफी सुधार किया है और उम्मीद है कि हम अपनी पिछली गलतियों से सबक लेते हुए इस बार फाइनल तक पहुंचेंगे।
टीम के कोच अर्जुन सिंह ने कहा, हमारी काफी संतुलित टीम है जिसमें तीन चार अच्छे रेडर और डिफेंडर शामिल हैं। कोचिंग और ट्रेनिंग पर काफी मेहनत की गई है। टीम में दो विदेशी खिलाड़ी कोरिया के किम सियोंग रियोल और बंगलादेश के सुलेमान कबीर शामिल हैं और ये दोनों ही अच्छे खिलाड़ी हैं।
कप्तान ने कहा, पिछला सत्र हमारा प्रो कबड्डी में पहला साल था और पहले साल में हमने प्लेऑफ तक पहुंचने की उपलब्धि हासिल की। इस अवसर पर टीम के अन्य खिलाड़ी प्रशांत कुमार राय ने जीवा कुमार, श्रीकांत यादव और आशीष नायर भी मौजूद थे। जीएमआर लीग गेम्स के वीपी कर्नल विनोद बिष्ट ने भी टीम से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद जताई।
हाल के एशियाई खेलों में भारतीय कबड्डी टीमों के अपने स्वर्ण पदक गंवाने पर रिशांक ने कहा, हम सभी को इस बात का बहुत दुख हुआ। लेकिन इस हार से भी हमें सीखने को मिला है। हार जीत खेल का ही एक हिस्सा है। हमें सबक लेकर आगे बढ़ना होगा। इतना तय है कि आगे की चुनौतियां बढ़ गई हैं और हमें अपने खेल को और बेहतर बनाना होगा।