मंगलवार, 5 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. अन्य खेल
  3. समाचार
  4. FIFA World Cup Under-17
Written By
Last Modified: नई दिल्ली , रविवार, 8 अक्टूबर 2017 (18:58 IST)

भारत के लिए 'करो या मरो' का मुकाबला

भारत के लिए 'करो या मरो' का मुकाबला - FIFA World Cup Under-17
नई दिल्ली । पहली बार फीफा अंडर-17 वर्ल्ड कप फुटबॉल टूर्नामेंट में खेल रहे भारत ने अमेरिका के खिलाफ 0-3 की हार में सराहनीय संघर्ष का परिचय देते हुए फुटबॉल प्रेमियों का दिल जीता था लेकिन सोमवार को यहां जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में  कोलंबिया के खिलाफ होने वाला दूसरा ग्रुप 'ए' मैच उसके लिए 'करो या मरो' का मुकाबला बन गया है। 
           
भारत जैसी स्थिति कोलंबिया की भी है, जिसे अपने पहले मैच में मजबूत घाना के हाथों 0-1 की हार का सामना करना पड़ा था। कोलंबिया को भी नॉकऑउट दौर में पहुंचने की अपनी उम्मीदों को बनाए रखने के लिए यह मैच जीतना होगा।
           
कोलंबिया को इस मैच में जीत का प्रबल दावेदार माना जा रहा है लेकिन जिस तरह का प्रदर्शन भारत ने अमेरिका के खिलाफ किया था, उसे देखते हुए कोलंबिया की टीम भारत को हल्के में लेने की गलती नहीं करेगी। 
           
भारतीय टीम बेशक पहले मैच में अमेरिका से तीन गोल के अंतर से हार गई लेकिन टीम का मनोबल ऊंचा है और यह जज्बा भारतीय कोच लुइस नोर्टन डी मातोस के शब्दों में दिखाई देता है। कोच ने कहा कि टीम आखिरी मिनट तक लड़ेगी और कोलंबिया के खिलाफ पूरे मनोबल के साथ उतरेगी। 
 
मातोस ने कहा, कोलंबिया एक मुश्किल प्रतिद्वंद्वी है और उसे हरा पाना काफी मुश्किल है। यदि हमें कुछ उम्मीद करनी है तो हममें पूरे 90 मिनट अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा। हमारा ध्यान अपने खेल पर केंद्रित है और हम किसी भी चुनौती के लिए तैयार हैं।
        
कोच ने साफ़ शब्दों में कहा, हम जीतने के लिए खेलेंगे। हमारे पास अब कोई और विकल्प नहीं बचा है। यदि हम कोलंबिया के खिलाफ जीत हासिल कर लेते हैं तो हम एक नया इतिहास रच देंगे। हमारा एक ही लक्ष्य है किसी भी कीमत पर अगले चरण में पहुंचना। हमारी टीम की ताकत एकजुट होकर खेलना है और हम इसी के बल पर उलटफेर करने की कोशिश करेंगे।
         
भारतीय टीम ने अमेरिका के खिलाफ कुछ मौके बनाए थे और दो अवसरों पर गोल करने के मौके गंवाएं थे। भारत का एक शॉट तो गोलपोस्ट के ऊपरी हिस्से से टकरा गया था। भारत का विश्व कप का यह पहला मैच था, जिसका कुछ असर खिलाड़ियों पर दिखाई दिया था लेकिन अब पहले मैच की झिझक समाप्त हो चुकी है और भारतीय खिलाड़ी अब ज्यादा खुलकर खेल सकेंगे। 
       
मातोस ने भी कहा, यह भारत का फीफा विश्व कप में पहला मैच था और उसके सामने अमेरिका जैसी विश्व स्तरीय टीम थी। खिलाड़ियों पर इस बात का भी असर था और वे दबाव में खुलकर नहीं खेल पाए थे लेकिन टीम अब उस दौर से निकल चुकी है और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए तैयार है।
 
कोच ही नहीं भारतीय खिलाड़ियों ने भी कोलंबिया के खिलाफ अच्छे प्रदर्शन का भरोसा जताया है। कप्तान अमरजीत सिंह,  विंगर कोमल थाटल, अनिकेत जाधव और राहुल केपी का कहना है कि टीम विश्व कप में पहली बार हिस्सा लेकर पहले ही इतिहास रच चुकी है और अब टीम का लक्ष्य फीफा विश्व कप में कोई मैच जीतने वाली पहली टीम बनने का इतिहास रचना है।
           
भारतीय खिलाड़ी इस मौके के महत्त्व को समझते हैं और वे जीत हासिल करने के लिए अपना सब कुछ झोंकने को तैयार हैं। यह भारतीय टीम मेक्सिको सिटी में चार देशों के टूर्नामेंट में कोलंबिया से भिड़ी थी, जहां भारत को 0-3 से हार का सामना करना पड़ा था लेकिन यह विश्व कप है, बदले हुए हालात हैं और भारतीय टीम के पास अपने खेल को उठाने के 50 हजार दर्शकों का समर्थन मौजूद रहेगा।  
         
कोलंबिया की टीम विश्व कप के लिए सबसे पहले भारत पहुंची थी। घाना से मिली एक गोल की हार के बाद मुक़ाबले में बने रहने के लिए उसे हर हाल में जीत हासिल करनी है क्योंकि उसका आखिरी ग्रुप मुकाबला अमेरिका से होना है।  कोलंबिया की टीम छठी बार अंडर-17 विश्व कप खेलेगी। वह 2009 में नाइजीरिया में खेले गए विश्व कप के बाद इस बड़े टूर्नामेंट में जगह बना पाई है। 2003 और 2009 में वह तीसरे स्थान पर रही थी। (वार्ता)
ये भी पढ़ें
आरोन फिंच को स्टीव स्मिथ की कमी महसूस हुई