Surya Grahan 2021: आज शनिवार के दिन साल का अंतिम सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि अमावस्या और सूर्य ग्रहण का एक साथ होना अद्भुत संयोग बन रहा है। सूर्य ग्रहण ( Solar Eclipse 2021 ) कब लगेगा, कहां, कैसे और क्यों लगता है, आओ जानते हैं सबकुछ।
1. सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर 2021 शनिवार के दिन सुबह लगेगा। यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा क्योंकि भारत दक्षिणी गोलार्ध में नहीं है। चंद्रमा धरती के एक ही हिस्से पर दिखाई देता है जहां चंद्रमा उदय होगा वहीं ग्रहण होगा। चंद्रमा दिन और रात दोनों ही समय निकलता है। धरती के जिस हिस्से पर दिन में चंद्रमा निकलता है वहीं पर सूर्य ग्रहण दिखाई देगा।
2. सूर्य ग्रहण सुबह 10 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगा, जो दोपहर 03 बजकर 07 मिनट पर समाप्त होगा।
3. साल का आखिरी सूर्य ग्रहण दक्षिण अफ्रीका, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अमेरिका और अटलांटिक के दक्षिणी भाग के लोगों को दिखाई देगा।
4. सूर्य और धरती के बीच चंद्रमा के आ जाने से सूर्य ग्रहण लगता है। इस दौरान चंद्रमा की छाया धरती पर पड़ती है।
5. वैज्ञानिकों के अनुसार धरती सूरज की परिक्रमा करती है और चंद्रमा धरती की परिक्रमा करता है। जब सूर्य और धरती के बीच चंद्रमा आ जाता है तो वह सूर्य की रोशनी को कुछ समय के लिए ढंक लेता है। इस घटना को ही सूर्य ग्रहण कहते हैं।
6. वृषभ, मिथुन, सिंह, कन्या, मकर और कुंभ राशि पर रहेगा इसका शुभ असर।
7. मेष, कर्क, तुला, वृश्चिक, धनु और मीन राशियों पर रहेगा इसका अशुभ असर।
8. सिंह, मकर और कुंभ का रहेगा बहुत ही ज्यादा शुभ असर। होगा उनका भाग्योदय।
9. यह सूर्य ग्रहण शनि अमावस्या के दिन देखा जाएगा। शनिवार को जब भी अमावस्या आती है तो उसे शनि अमावस्या कहते हैं जिसका ज्योतिष में खासा महत्व रहता है।
10. यह सूर्य ग्रहण लगभग चार घंटे तक चलेगा। इसे चार घंटे तक देखा जा सकेगा।
11. सूर्य ग्रहण देखने के लिए अपनी आंखों की सुरक्षा के लिए एक्लिप्स ग्लास का इस्तेमाल करना चाहिए।
12. सूर्य ग्रहण के दौरान बच्चों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
13. सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर में ही रहना चाहिए।
14. चंद्रमा जब सूर्य को पूर्ण रूप से ढंक लेता है तो उसे पूर्ण या खग्रास सूर्य ग्रहण कहते हैं। आज का ग्रहण खग्रास ग्रहण ही है।
15. जब चंद्रमा सूर्य के एक हिस्से को ही ढंक पाता है तो यह स्थिति खण्ड-ग्रहण या खंडग्रास कहलाती है जिसका अर्थ आंशिक ग्रहण होता है।
16. जब चंद्रमा धरती से दूर रहकर सूर्य को इस तरह ढंकता है कि उसके आसपास चारों ओर का हिस्सा कंगन या वलय के रूप में चमकता दिखाई देता है। कंगन आकार में बने सूर्य ग्रहण को ही वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं।
18. यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, जिसके कारण यहां सूतक काल मान्य नहीं होगा। क्योंकि भारत दक्षिणी गोलार्ध में नहीं है।
19. जहां दिखाई देगा वहां सूतक काल के नियम पालन करना चाहिए। सूर्य ग्रहण के प्रारंभ होने से 12 घंटे पूर्व ही सूतक काल प्रारंभ हो जाता है।
20. इस दिन पानी को छान कर और उसमें तुलसी पत्ता डालकर ही सेवन करें।
21. ग्रहण के बाद ही भोजन बनाएं और खाएं। भोजन में तुलसी का पत्ता जरूर मिला लें।
22. ग्रहण के तुरंत बाद स्नान और पूजा पाठ करें।
23. ग्रहण के बाद घर का शुद्धिकरण करें।
24. ग्रहण के बाद सीदा दान करें या सफाईकर्मी को कुछ सिक्के दान करें।
25. इस दिन मंदिर के कपाट बंद रहते हैं और ग्रहण के बाद प्रतिमा का शुद्धिकरण किया जाना चाहिए।