सिंहस्थ के इतिहास की अभूतपूर्व घटना, किन्नर अखाड़े की पेशवाई
उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन में कल से शुरू होने वाले सिंहस्थ के पहले आज बाबा महाकाल की नगरी एक ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनी। सिंहस्थ के इतिहास में पहली बार आज पूरे शाही ठांट-बांट से किन्नर अखाडे की पेशवाई निकली। इस पेशवाई को देखने के लिए सडकों पर लोगों का हुजूम लग गया। अखाडे की इस पेशवाई में जहां एक ओर पर्यावरण को दृष्टिगत रखते हुए ई-रिक्शा दिखाई दिए, वहीं भारत माता की जय के नारे भी सुनाई दिए।
किन्नरों ने पहली बार कुंभ स्नान को लेकर उज्जैन के समीप हासमपुरा स्थित आध्यात्मिक वाटिका के ऋषि अजय दास महाराज के नेतृत्व में गत वर्ष 13 अक्टूबर को किन्नर मुंबई का गठन किया था।
अजयदास महाराज को अखाड़े का संरक्षक, टीवी शो बिगबॉस के घर में अपने प्रवेश से सुर्खियां बटोरने वाली किन्नर लक्ष्मीनारायण और मध्यप्रदेश के सागर की महापौर रह चुकीं कमला बुआ को इस अखाड़े का प्रमुख नियुक्त किया गया था। इसका एक संविधान भी बनाया गया है। इसके अलावा देश की विभिन्न दिशाओं में आठ पीठेश्वर व दो उपपीठेश्वर को भी नियुक्त किया गया है।
गौर करने वाली बात ये है कि कुंभ की नीति निर्धारण करने वाली सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़े परिषद द्वारा इस अखाड़े को सिंहस्थ के लिए मान्यता नहीं दी गई है। उसके बावजूद मेला क्षेत्र में किन्नर अखाडे को शिविर के लिए भूमि आवंटन की गई है।
अखाड़े की पेशवाई के लिए भीषण गर्मी के बावजूद लोगो में जबर्दस्त उत्साह देखा गया। पेशवाई के दौरान कई जगह चक्काजाम जैसी स्थिति पैदा हो गई।
शहर के दशहरा मैदान से निकली पेशवाई में ऊंट पर अजयदास महाराज एवं लक्ष्मीनारायण सवार थे और 50 से अधिक राष्ट्रीय चक्र वालें तिरंगे झंडे लगे अनेक ई रिक्शा, बग्घियों पर पीठेश्वर व उपपीठेश्वर सहित बडी संख्या में देश के विभिन्न प्रांतों के किन्नर शामिल हुए।
भगवा, सफेद के अलावा रंगबिरंगे कपड़े पहने किन्नर हाथ में त्रिशूल, गदा के साथ भारत माता की जयकारे एवं हर हर महादेव के धार्मिक नारे लगा रहे थे। (वार्ता)