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Last Modified: उज्जैन , सोमवार, 25 अप्रैल 2016 (21:50 IST)

मजदूर से ई-रिक्शा मालिक बना रोहित

मजदूर से ई-रिक्शा मालिक बना रोहित - E-rickshaws in simhastha Ujjain
धर्म, अध्यात्म एवं आस्था का महापर्व सिंहस्थ, उज्जैन के फ्रीगंज निवासी रोहित अहिरवार की जिंदगी में खुशियों का सबब बन गया है। कोई दो माह पहले तक किराने की एक दुकान में काम करने वाला रोहित अब मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए चलाई जा रही योजना का लाभ लेकर एक ई–रिक्शा का मालिक बन गया है |
 
यूं तो मुख्यमंत्री द्वारा बेरोजगारों के हित में चलाई गई योजनाओं का लाभ लेने वाले प्रदेश में लाखों हितग्राही हैं, लेकिन तीन बत्ती चौक फ्रीगंज निवासी 28 वर्षीय रोहित अहिरवार की कहानी कुछ अलग है। माँ-बाप के जीवन निर्वाह और भाई-बहनों की पढ़ाई-लिखाई का जिम्मा अपने कंधों पर उठाने वाले रोहित बताते हैं कि किराने की दुकान में काम करने के एवज में मिलने वाली मजदूरी इतनी कम थी कि परिवार का गुजारा बमुश्किल हो पाता था। 
 
उसने कहा कि भला हो मुख्यमंत्री का जिन्होंने मुझ जैसे गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले लाखों परिवारों को ध्यान में रख कर योजनाएं बनाईं। मध्यप्रदेश अन्त्यावसायी निगम की योजना का लाभ लेकर आज मैं ई–रिक्शा का मालिक हूं। इससे मुझे रोजाना 800 से 1000 रुपए तक की कमाई हो जाती है। 
 
रोहित ने बताया कि इलाहाबाद बैंक की फ्रीगंज शाखा से उसे मध्यप्रदेश अन्त्यावसायी निगम ने डेढ़ लाख रूपये का ऋण दिलाया। इसमें मुझे राज्य शासन की ओर से 35 हजार रुपए की छूट मिली है। बैंक ने ऋण चुकाने के लिए 3 हजार 200 रुपए प्रतिमाह की बैंक ऋण किश्त बनाई है। किश्त की रकम मैं प्रति माह जमा कर रहा हूं। 
 
किश्त जमा करने के बाद भी प्रति माह मुझे 20 से 22 हजार रुपए का लाभ हो जाता है। आज मुझे सुकून है कि मैं मुख्यमंत्री की वजह से मजदूर से मालिक तो बना ही हूं, साथ ही इस बात की खुशी भी है कि मै सिंहस्थ में पुण्यलाभ लेने वाले श्रध्दालुओं को लाने ले जाने एवं मेला क्षेत्र घुमाने का निमित्त बन उनके पुण्य में भागीदार बन रहा हूं।