तिथिनुसार आज मनाई जाएगी सिख धर्म के 7वें गुरु, गुरु हर राय जयंती
HIGHLIGHTS
• गुरु हर राय जी एक योद्धा थे।
• उन्हें आध्यात्मिक व राष्ट्रवादी संत कहा जाता है।
• तिथिनुसार माघ शुक्ल त्रयोदशी को उनका जन्म हुआ था।
Guru Har Rai Jyanati 2024 : आध्यात्मिक व राष्ट्रवादी संत गुरु हर राय जी का जन्म सन् 1630 में हुआ था। तिथि के अनुसार उनका जन्म माघ शुक्ल त्रयोदशी के दिन कीरतपुर (पंजाब) में हुआ था। वर्ष 2024 में गुरु हर राय का प्रकाश पर्व 22 फरवरी को मनाया जाएगा। गुरु हर राय जी सिखों के सातवें गुरु थे। वे शांत स्वभाव के थे, उनका व्यक्तित्व लोगों को प्रभावित करता था। वह आध्यात्मिक व राष्ट्रवादी महापुरुष होने के साथ एक कुशल योद्धा भी थे।
यहां जानिए सिख धर्म के सप्तम गुरु, गुरु हर राय जी के बारे में...
1. गुरु हर राय जी का जन्मोत्सव या प्रकाश पर्व सिख धर्मावलंबी बहुत ही श्रद्धापूर्वक मनाते हैं। इस दिन गुरुद्वारों में गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ तथा लंगर यानी सामूहिक भोज का आयोजन होता है।
2. नानकशाही कैलेंडर के अनुसार गुरु हर राय जी का जन्म 16 जनवरी, 1630 को कीरतपुर साहिब (पंजाब) में हुआ था। तथा तिथि के अनुसार उनका जन्म माघ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के दिन हुआ था। वे सिखों के सातवें गुरु थे।
3. उनके पिता का नाम गुरु बाबा गुरु दित्ता एवं माता निहाल कौर था। और उनके दादाजी का नाम गुरु हर गोविंद जी सिंह था।
4. सिखों के छठवें गुरु हर गोविंद सिंह जी को जब इस बात का आभास हो गया कि अब उनका अंतिम समय निकट आने वाला है तो उन्होंने अपने पौत्र को गद्दी सौंप दी यानी अपने पोते हर राय जी को सातवें गुरु यानी 'सप्तम् नानक' के रूप में घोषित किया था। उस समय उनकी उम्र मात्र 14 वर्ष की थी।
5. गुरु हर राय जी का विवाह किशन कौर जी के साथ हुआ था। गुरु हर राय जी के दो पुत्र थे। राम राय और हरकिशन सिंह जी (गुरु) थे।
6. उन्होंने अनेक जगहों पर धार्मिक केंद्रों की स्थापना की।
7. गुरु हर राय जी व्यक्तिगत जीवन में प्रायः सिख योद्धाओं को उनकी बहादुरी पर पुरस्कार देकर सम्मानित करते थे।
8. एक बार मुगल शासक औरंगजेब के भाई दारा शिकोह किसी अनजान बीमारी से ग्रस्त हुआ, तब गुरु हर राय जी ने उनकी मदद की और उसे मौत के मुंह से बचा लिया था।
9. कीरतपुर में गुरु हर राय जी ने आयुर्वेदिक चिकित्सा एवं अनुसंधान केंद्र की स्थापना भी की थी।
10. सिख धर्म में गुरु हर राय जी की जयंती बेहद ही धूमधाम से मनाई जाती है।
11. गुरु हर राय जी की मृत्यु सन् 1661 ई. में कार्तिक वदी नवमी को कीरतपुर साहिब में हुई थी।
12. एक राजनीतिज्ञ तथा महान योद्धा के रूप में पहचाने जाने वाले गुरु हर राय जी को महान आध्यात्मिक एवं राष्ट्रवादी महापुरुष भी कहा जाता है।
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