गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. धर्म-दर्शन
  3. श्रावण मास विशेष
  4. Sawan shivratri 2023 date and time
Written By
Last Modified: मंगलवार, 4 जुलाई 2023 (17:23 IST)

Sawan 2023 : सावन मास में इस बार 2 शिवरात्रियों का महासंयोग, जाने पूजा के मुहूर्त

Sawan 2023 : सावन मास में इस बार 2 शिवरात्रियों का महासंयोग, जाने पूजा के मुहूर्त - Sawan shivratri 2023 date and time
Sawan shiv puja 2023 : इस बार श्रावण माह का प्रारंभ अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 4 जुलाई 2023 मंगलवार को होकर 31 जुलाई 2023 तक चलेगा। इस दौरान 8 सोमवार और दो शिवरात्रियां रहेंगी। ऐसे में शिव पूजा का महत्व बढ़ जाएगा। आओ जानते हैं कि कब है सावन मास की शिवरात्रि।
 
सावन शिवरात्रि : 15 जुलाई 2023 शनिवार को सावन माह की पहली शिवरात्रि रहेगी।
 
अधिकमास की शिवरात्रि : इसके बाद 14 अगस्त 2023 सोमवार को अधिकमास की दूसरी शिवरात्रि रहेगी।
 
15 जुलाई पूजा के शुभ मुहूर्त:-
अभिजित मुहूर्त- दोपहर 12:18 से 01:11 तक।
विजय मुहूर्त- दोपहर 02:56 से 03:49 तक।
गोधूलि मुहूर्त- शाम 07:18 से 07:40 तक।
सायाह्न सन्ध्या- शाम को 07:20 से 08:25 तक।
 
14 अगस्त पूजा के शुभ मुहूर्त:-
अभिजित मुहूर्त- दोपहर 12:17 से 01:09 तक।
विजय मुहूर्त - दोपहर 02:51 से 03:42 तक।
गोधूलि मुहूर्त- शाम 07:07 से 07:29 तक।
सायाह्न सन्ध्या- शाम 07:07 पी एम से 08:14 तक।
 
श्रावण शिवरात्रि का महत्व:-
  • श्रावण माह की शिवरात्रि का बड़ा महत्व है। सावन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को सावन शिवरात्रि व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान शंकर की शादी भी हुई थी। इसलिए रात में शंकर की बारात निकाली जाती है। 
  • रात में पूजा कर फलाहार किया जाता है। अगले दिन सवेरे जौ, तिल, खीर और बेल पत्र का हवन करके व्रत समाप्त किया जाता है।
  • ऐसा कहा जाता है कि मासिक शिवरात्रि व्रत रखने और भगवान शिव की सच्चे मन से पूजन-अर्चन करने वाले भक्तों की सभी मनोमनाएं पूरी होती हैं।
  • जो कन्याएं मनोवांछित वर पाना चाहती हैं, इस व्रत को करने के बाद उन्हें उनकी इच्छा अनुसार वर मिलता है। विवाह में आ रही रुकावटें भी दूर होती हैं।
  • ऐसा माना जाता है कि सावन की शिवरात्रि मनुष्‍य के सभी पाप को नष्ट कर देती है. ऐसे में सावन की शिवरात्रि का बड़ा ही महत्‍व है क्‍योंकि इसमें व्रत रखने वालों के पाप का नाश होता है।
  • चतुर्दशी (चौदस) के देवता हैं शंकर। इस तिथि में भगवान शंकर की पूजा करने से मनुष्य समस्त ऐश्वर्यों को प्राप्त कर बहुत से पुत्रों एवं प्रभूत धन से संपन्न हो जाता है।