आठवें श्रावण सोमवार पर बन रहे हैं अद्भुत संयोग, इस पूजा से करें भोलेनाथ को प्रसन्न?
Eight sawan somwar 2023: 04 जुलाई से 2023 से शुरू हुआ सावन का महीना 31 अगस्त को समाप्त होगा। इस बार अधिक मास होने से श्रावण माह में 4 की जगह आठ सोमवार का शुभ योग संयोग बना है। सावन का आठवां और अंतिम सोमवार 28 अगस्त 2023 को रहेगा। इस दिन कई शुभ योग संयोग बन रहे हैं। इन शुभ योग में शिवजी की पूजा का महत्व बढ़ जाएगा।
28 अगस्त 2023- आठवां सावन सोमवार:-
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सोमवार भगवान शिवजी का विशेष दिन है।
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इसी दिन प्रदोष का व्रत भी रखा जाएगा। प्रदोष भी शिवजी का दिन है। सोम प्रदोष का शुभ योग है।
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इस दिन पुत्रदा एकादशी का समापन भी रहेगा। एकादशी श्रीहरि विष्णु जी का खास दिन है।
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इस दिन व्रत रखने वालों को शिव संग विष्णु जी की पूजा का भी पुणय फल प्राप्त होगा।
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इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:02 से 12:53 तक रहेगा।
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अमृत काल रात्रि 09:00 से 10:25 तक रहेगा।
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इस दिन सिद्धि योग भी रहेगा।
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आयुष्मान योग- 27 अगस्त, दोपहर 01.27 से 28 अगस्त 2023 को सुबह 09.56 तक रहेगा। इसके बाद सौभाग्य योग।
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सौभाग्य योग- 29 अगस्त को सुबह 06:02 तक रहेगा।
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सर्वार्थ सिद्धि योग- 02:43 ए एम, अगस्त 29 से 06:08 ए एम, अगस्त 29 तक है।
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रवि योग- 02:43 ए एम, अगस्त 29 से 06:08 ए एम, अगस्त 29 तक है।
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बुधादित्य योग : इस दिन सूर्य और बुध सिंह राशि में होकर बुधादित्य योग बना रहे हैं।
कैसे करें शिवलिंग का रुद्राभिषेक, पूजा की सरल विधि- Rudrabhishek puja vidhi :-
पूजा सामग्री- भांग, धतूरा, बेलपत्र, दूध, दही, घृत, शहद, चीनी, अनार, ऋतुफल, भस्म, चंदन, सफेद फूल, जल का पात्र, गंगा जल, शिव भोग, प्रसाद आदि।
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शिवलिंग को उत्तर दिशा में स्थापित करके पूर्व में मुख करके रुद्राभिषेक करते हैं।
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पहले शिवलिंग का शुद्ध जल या गंगाजल से जलाभिषेक करें।
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इसके बाद पंचामृत (दूध, दही, शहद, शक्कर, घी) समेत गन्ने का रस आदि सभी तरल पदार्थ से उनका अभिषेक करें।
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अभिषेक करते समय शिवजी का पंचाक्षरी मंत्र- ॐ नम: शिवाय का जप करते रहें।
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उपरोक्त अभिषेक करने के बाद पुन: जलाभिषेक करें।
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इसके बाद शिवजी को चंदन और भस्म का लेप लगाएं।
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लेप लगाते समय महामृत्युंजय मंत्र या रुद्राष्टकम मंत्र का जाप करें।
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इसके बाद उन्हें पान का पत्ता, बेलपत्र सहित सभी बची हुई पूजा सामग्री करें।
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इसके बाद उन्हें उनकी पसंद का भोग लगाएं और इसके बाद 108 बार शिव मंत्र का जप करें।
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जप करने के बाद उनकी आरती उतारते हैं।
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आरती के बाद प्रसाद वितरण करते हैं।