शनिवार, 21 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. श्राद्ध पर्व
  4. shradh paksha 2020
Written By

पितृ पक्ष के 16 दिन श्राद्ध करने का फल, जानें उपाय भी

पितृ पक्ष के 16 दिन श्राद्ध करने का फल, जानें उपाय भी - shradh paksha 2020
shradh Paksh 2020
 

पितरों का ऋण चुकाना एक जीवन में तो संभव ही नहीं, अतः उनके द्वारा संसार त्याग कर चले जाने के उपरांत भी श्राद्ध करते रहने से उनका ऋण चुकाने की परंपरा है। श्राद्ध पक्ष 16 दिन तक श्रद्धापूर्वक जो भी कुछ देने का हम संकल्प लेते हैं वह सब कुछ उन पूर्वजों को अवश्य प्राप्त होता है। 
 
जिस तिथि में जिस पूर्वज का स्वर्गवास हुआ हो उसी तिथि को उनका श्राद्ध किया जाता है जिनकी परलोक गमन की तिथि ज्ञान न हो, उन सबका श्राद्ध अमावस्या को किया जाता है।
 
जानिए पितृ पक्ष के 16 दिन का फल 
 
1. जो पूर्णमासी के दिन श्राद्धादि करता है उसकी बुद्धि, पुष्टि, स्मरणशक्ति, धारणाशक्ति, पुत्र-पौत्रादि एवं ऐश्वर्य की वृद्धि होती। वह पर्व का पूर्ण फल भोगता है।
 
2. प्रतिपदा का श्राद्ध धन-संपत्ति के लिए होता है एवं श्राद्ध करनेवाले की प्राप्त वस्तु नष्ट नहीं होती।
 
3. द्वितीया को श्राद्ध करने वाला व्यक्ति राजा होता है।
 
4. उत्तम अर्थ की प्राप्ति के अभिलाषी को तृतीया विहित है।
 
5. चतुर्थी शत्रुओं का नाश करने वाली और पाप नाशिनी है।
 
6. पंचमी तिथि को श्राद्ध करने वाला उत्तम लक्ष्मी की प्राप्ति करता है।
 
7. जो षष्ठी तिथि को श्राद्धकर्म संपन्न करता है उसकी पूजा देवता लोग करते हैं।
 
8. जो सप्तमी को श्राद्धादि करता है उसको महान यज्ञों के पुण्यफल प्राप्त होते हैं और वह गणों का स्वामी होता है।
 
9. जो अष्टमी को श्राद्ध करता है वह संपूर्ण समृद्धियां प्राप्त करता है।
 
10. नवमी तिथि को श्राद्ध करने वाला प्रचुर ऐश्वर्य एवं मन के अनुसार अनुकूल चलने वाली स्त्री को प्राप्त करता है।
 
11. दशमी तिथि को श्राद्ध करने वाला मनुष्य ब्रह्मत्व की लक्ष्मी प्राप्त करता है।
 
11. एकादशी का श्राद्ध सर्वश्रेष्ठ दान है। वह समस्त वेदों का ज्ञान प्राप्त कराता है। उसके संपूर्ण पाप कर्मों का विनाश हो जाता है तथा उसे निरंतर ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
 
12. द्वादशी तिथि के श्राद्ध से राष्ट्र का कल्याण तथा प्रचुर अन्न की प्राप्ति कही गई है।
 
14. त्रयोदशी के श्राद्ध से संतति, बुद्धि, धारणाशक्ति, स्वतंत्रता, उत्तम पुष्टि, दीर्घायु तथा ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
 
15. चौदस के दिन गुड़ और घी के मिश्रण को (उपले) पर चलाने से पितृ दोष दूर होता हैं। 
 
16. पितृविसर्जनी अमावस्या, महालय समापन, सर्वपितृ अमावस्या के दिन सभी पितरों का एक साथ आह्वान कर उन्हें जल और भोग तर्पण करने से घर में खुशहाली और शांति आती है। 
 
पितृ प्रार्थना : हे प्रभु मैंने अपने हाथ आपके समक्ष फैला दिए हैं, मैं अपने पितरों की मुक्ति के लिए आपसे प्रार्थना करता हूं, मेरे पितर मेरी श्रद्धा भक्ति से संतुष्ट हो’। ऐसा करने से व्यक्ति को पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है।