गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. शरद पूर्णिमा
  4. Sharad purnima kab hai 2022
Written By

शरद पूर्णिमा कब है? जानिए विशेष संयोग और 5 उपाय

शरद पूर्णिमा कब है? जानिए विशेष संयोग और 5 उपाय - Sharad purnima kab hai 2022
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार प्रतिवर्ष आश्‍विन माह की पूर्णिमा के दिन को शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार 9 अकटूबर को शरद पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा और त्योहार मनाया जाएगा। चंद्रमा इस दिन पृथ्वी के अति निकट होता है। कहा जाता है कि इस दिन आकाश से अमृत वर्षा होती है। ऐसी मान्यता है कि यदि इस दिन आपने 5 खास तरह के उपाय कर लिए तो आपके भाग्य खुल जाएंगे।
 
शरद पूर्णिमा के शुभ संयोग : पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 09 अक्टूबर 2022 को सुबह 03 बजकर 41 मिनट से शुरू होगी। ये तिथि अगले दिन 10 अक्टूबर 2022 को सुबह 02 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में शरद पूर्णिमा 09 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
 
योग ध्रुव- शाम की 06:36 तक रहेगा। इसके बाद व्याघात।
सर्वार्थ सिद्धि योग : सुबह 06:31 से शाम 04:21 तक।
 
अभि‍जीत मुहूर्त : सुबह 11:45 से 12:31 तक।
अमृत काल : सुबह 11:42 से दोपहर 01:15 तक।
विजय मुहूर्त : शाम 02:24 से 03:11 तक।
गोधूलि मुहूर्त : शाम 06:09 से शाम 06:33 तक।
सायाह्न सन्ध्या : शाम 06:20 से रात्रि 07:33 तक।

शरद पूर्णिमा के ज्योतिष उपाय | Sharad purnima ke upay in hindi
 
1. चंद्रदोष होता है दूर : शरद पूर्णिमा के दिन छत या गैलरी पर चंद्रमा के प्रकाश में चांदी के बर्तन में दूध को रखा जाता है। फिर उस दूध को भगवान को अर्पित करने के बाद पिया जाता है। इस दूध का सेवन करने के जहां चंद्रदोष दूर हो जाता है वहीं रोगप्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है।
 
2. चंद्र ग्रहण से मुक्ति का उपाय : यदि कुंडली में चंद्र ग्रहण है तो यह दिन उसे हटाने का सबसे अच्छा दिन है। इस दिन चन्द्रमा से संबंधित चीजें दान करना चाहिए या इस दिन खुलकर लोगों दूध बांटना चहिए। इसके अलावा 6 नारियल अपने उपर से वार कर किसी बहती नदी में प्रवाहित करना चाहिए।
 
3. लक्ष्मी प्राप्ति हेतु : शास्त्रों में कहा गया है कि हर पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष पर मां लक्ष्मी का आगमन होता है। अत: आप सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर पीपल के पेड़ के सामने कुछ मीठा चढ़ाकर जल अर्पित करें।
 
4. दांपत्य जीवन हेतु : कहते हैं कि सफल दाम्पत्य जीवन के लिए पूर्णिमा के दिन पति-पत्नी दोनों को ही चन्द्रमा को दूध का अर्ध्य अवश्य ही देना चाहिए। इससे दाम्पत्य जीवन में मधुरता बनी रहती है।
 
5. सुख-समृद्धि हेतु : किसी भी विष्णु लक्ष्मी मंदिर में जाकर इत्र और सुगन्धित अगरबत्ती अर्पित करनी चाहिए और धन, सुख समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी मां लक्ष्मी से अपने घर में स्थाई रूप से निवास करने की प्रार्थना करें।