जातिवाद को लेकर भारत में बहुत बवाल खड़ा किया जाता रहा है। खासकर तथाकथित जातिवादी व्यवस्था की आड़ में सनातन हिंदू धर्म को बदनाम किए जाने का कुचक्र भी बढ़ा है। देशी और विदेशी लोग इस बुराई को लेकर मोटी-मोटी किताब लिख चुके हैं, लेकिन क्या वे यह जानते हैं कि प्रत्येक धर्म और राष्ट्र में इस तरह की बुराइयाँ पाई जाती है। क्या उन्होंने सामाजिक विज्ञान पढ़ा है? क्या वे जातियों की उत्पत्ति का सिद्धांत जानते हैं? सभी धर्म के लोगों में ऊँच-नीच की भावनाएँ होती है किंतु धर्म का इससे कोई संबंध नहीं होता। |