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Written By भाषा

कर्नाटक 2010 : चर्चा में रहे सेक्स स्कैंडल

कर्नाटक 2010 : चर्चा में रहे सेक्स स्कैंडल -
कर्नाटक में इस साल ढोंगी बाबा नित्यानंद और मंत्री हरतालू हलप्पा से जुड़े सेक्स स्कैंडल से बीएस येदियुरप्पा की अगुवाई वाली भाजपा सरकार जनता और विपक्ष के निशाने पर आई और सरकार की बुरी तरह फजीहत हुई।

जब एक क्षेत्रीय चैनल ने नित्यानंद बाबा की एक तमिल अभिनेत्री के साथ संबंधों की अश्लीली सीडी दिखाई तब उनके कृत्य से लोगों की भावना आहत हुई। नित्यानंद के देश विदेश में बड़ी संख्या में प्रशंसक है और उसका बेंगलुरु ग्रामीण जिले के बिदादी में एक विशाल आश्रम है।

हालाँकि नित्यानंद ने तुरंत ही यह कहते हुए इसे खारिज करने का प्रयास किया यह नकली सीडी है और उनकी प्रख्याति से जलने वाले कुछ संतों की उनके खिलाफ साजिश है लेकिन, वह तुरंत ही गायब भी हो गए और अंतत: पुलिस ने 21 अप्रैल को उन्हें पकड़ लिया। हालाँकि वह 50 दिनों तक पुलिस की और न्यायिक हिरासत के बाद जमानत पर रिहा हो गया।

सीआईडी ने उसके और उसके चार साथियों के खिलाफ बलात्कार, अप्राकृतिक यौन संबंध, समेत भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपपत्र दायर किया और एक महिला गवाह ने जाँच अधिकारी के समक्ष पेश होकर कहा कि नित्यानंद ने न केवल अपने आश्रम में बल्कि देश के अन्य हिस्सों में उसके साथ बार-बार बलात्कार किया। इसी के साथ नित्यानंद के लिए परेशानियाबढ़ गईं।

हालाँकि अपने खिलाफ बलात्कार के आरोप समेत दो प्राथमिकियों को खारिज करने की माँग करने वाली नित्यानंद की याचिकाएँ उच्च न्यायालय में अब भी लंबित हैं।

उधर खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री हलप्पा को शिमोगा में अपने दोस्त की बीबी के साथ कथित बलात्कार के आरोपों में अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी और भाजपा सरकार की छवि धूमिल हुई।

हालाँकि प्रांरभ में मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने उन्हें निर्दोष बताया और कहा कि वह इस तरह के कृत्यों में लिप्त नहीं हो सकते लेकिन इससे मामला और बिगड़ा ही तथा विपक्ष एवं मीडिया के दबाव के आगे झुकते हुए उन्होंने इस कांड की सीआईडी जाँच का आदेश दिया। हलप्पा को शिमोगा अदालत से सशर्त जमानत मिल गई।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री रामंचद गौड़ा की कुर्सी मैसूर और हसन के मेडिकल कॉलेजों में 375 अर्ध-चिकित्साकर्मियों की भर्ती में घोटाले और कथित अनियमितता की भेंट चढ़ गई। इस कांड से सरकार की छवि को और धक्का लगा।

उच्च न्यायालय ने इस भर्ती में अनियमितताओं को लेकर सरकार को खूब लताड़ा। चयन समिति एवं संचालन परिषद के सदस्य यह बताने में विफल रहे कि उम्मीदवारों के मूल्यांकन तथा उन्हें अंक देने के क्या मापदंड थे जिससे यह स्पष्ट हो गया कि किसकी गलती है।

हालाँकि राज्य सरकार ने दोनों कॉलेजों के अर्ध चिकित्साकर्मियों की नियुक्ति रद्द कर दी लेकिन अदालत ने सरकार के इस आदेश को खारिज कर दिया और कहा कि उसके आदेश को कारण बताओ नोटिस के रूप में लिया जाए। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि नियुक्त कर्मचारी अपने काम पर लौट सकते हैं लेकिन उनकी नियुक्ति के संबंध में फैसला आने तक उन्हें वेतन नहीं मिलेगा।

सूचना प्रौद्योगिकी और जैव प्रौद्योगिकी मंत्री कट्टा सुब्रमण्यम नायडू ने भी सरकार की मुश्किलें बढ़ा दीं। लोकायुक्त ने एक बेनामी कंपनी को 87 करोड़ रूपए अवैध रूप से दिए जाने का मामला सामने आने के बाद नायडू और उनके बेटे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। इसके बाद नायडू को अपना पद छोड़ना पड़ा।

यहाँ एम जी रोड पर कार्लटन टावर में हुए भयंकर अग्निकांड से बेंगलुरु विकास प्राधिकरण की किरकिरी हुई। इस अग्निकांड में नौ लोगों की जान चली गई तथा 50 से अधिक घायल हुए। इस भवन में मूल सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया था।

हालाँकि वर्ष 2008 के बेंगलुरु विस्फोट कांड में पीडीपी नेता अब्दुल नास्सेर मदनी की गिरफ्तारी से भाजपा का मनोबल थोड़ा बढ़ा।

बहुचर्चित बीपीओकर्मी प्रतिभा बलात्कार एवं हत्या कांड में पाँच साल की सुनवाई के बाद वाहनचालक शिवकुमार को त्वरित अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

एक अन्य सनसनीखेज मामले में इंटेल सॉफ्टवेयर इंजीनियर बीवी गिरीश की उसकी मंगेतर द्वारा हत्या किए जाने के सिलसिले में अदालत ने चार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। चारों ने उच्च न्यायालय में इस फैसले को चुनौती दी। (भाषा)