• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. गणतंत्र दिवस
  4. Best Poem on Republic Day
Written By

कविता : उस मुल्क की सरहद को कोई छू नहीं सकता

गणतंत्र दिवस 2020
उस मुल्क की सरहद को कोई छू नहीं सकता
जिस मुल्क की सरहद की निगेहबान हैं आंखें
हर तरह के जज्बात का, ऐलान हैं आंखें
शबनम कभी शोला कभी, तूफान हैं आंखें
 
आंखों से बड़ी कोई तराजू नहीं होती
तुलता है बशर जिसमें, वह मीजान है आंखें
 
आंखें ही मिलाती है जमाने में दिलों को
अनजान हैं हम तुम अगर, अनजान हैं आंखें
 
लब कुछ भी कहें इससे हकीकत नहीं खुलती
इंसान के सच झूठ की पहचान हैं आंखें
 
आंखें न झुकें तेरी किसी गैर के आगे
दुनिया में बड़ी चीज मेरी जान हैं आंखें
 
उस मुल्क की सरहद को कोई छू नहीं सकता
जिस मुल्क की सरहद की निगेहबान है आंखें।