वसंत पंचमी पर माता सरस्वती की विधिवत पूजा से पाएं ज्ञान का वरदान
Basant Panchami: मां सरस्वती को ज्ञान और कला की देवी माना जाता है। माना जाता है कि सरस्वती जी की पूजा करने से शिक्षा और कला के क्षेत्र में विशेष लाभ प्राप्त होता है। बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा का विधान है।
बसंत पंचमी पर पूजा का समय: पंचांग के अनुसार, इस बार बसंत पंचमी 14 फरवरी, बुधवार के दिन मनाई जाएगी। इस दिन मां सरस्वती के पूजन के लिए सुबह 07 बजकर 01 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक का समय बहुत शुभ है।
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बसंत पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठें और दिन की शुरुआत मां सरस्वती के ध्यान से करें।
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इसके बाद स्नान के बाद पीले रंग के कपड़े धारण करें।
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चौकी पर पीला या लाल कपड़ा बिछाकर मां सरस्वती की मूर्ति स्थापित करें और उन्हें पीले रंग वस्त्र अर्पित करें।
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अब मां सरस्वती को अक्षत, चंदन, पीले फूल, दीप और गंध अर्पित करें।
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विधिपूर्वक मां सरस्वती की पूजा करें और सरस्वती वंदना का पाठ करें।
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मां सरस्वती को पीले रंग के फल और मिष्ठान जैसे बेसन या बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं। भोग में तुलसी दल को अवश्य शामिल करें।