अगर हम अपने जीवन में गौ माता को स्थान देने का संकल्प कर लें, तो हर संकट से बच सकता है। क्योंकि भारतीय वेदशास्त्रों, धर्मग्रंथों में गौ माता पूजन के बारे में बहुत कुछ कहा गया है। अत: हमें चाहिए कि हम गायों को अपने जीवन में तथा उनके संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।
यहां जानिए गौ माता के बारें में पंद्रह पवित्र बातें-
1. हर साल गोपाष्टमी (Gopashtami) के पावन पर्व पर गौ माता अथवा गाय-बछड़े का पूजन किया जाता है। स्कंद पुराण के अनुसार गौ सर्वदेवमयी और वेद सर्वगौमय' हैं।
2. पुराणों के अनुसार गाय की पूंछ को छूने मात्र से मुक्ति का मार्ग खुल जाता है, क्योंकि गौ माता मोक्ष दिलाने वाली मानी गई है।
3. हमारे जीवन के लिए गाय के दूध से लेकर गौमूत्र तक का उपयोग किया जा रहा है, क्योंकि दूध हमें जहां बलवान बनाता हैं, वहीं गौमूत्र से बनने वाली दवाइयां कई रोगों को दूर करने में रामबाण मानी जाती हैं।
4. माना जाता है कि देशी गाय के 1 ग्राम गोबर में कम से कम 300 करोड़ जीवाणु होते हैं।
5. गौ माता के सींगों की जड़ में देवी पार्वती और सींगों के मध्यभागों में भगवान सदाशिव विराजमान रहते हैं।
6. भगवान श्री कृष्ण ने श्रीमद्भगवद्भीता में कहा है कि- धेनुनामस्मि कामधेनु अर्थात मैं गायों में कामधेनु हूं।
7. गोपाष्टमी के दिन गाय का पूजन करके उनका संरक्षण करने से मनुष्य को पुण्य फल की प्राप्ति होती है। जिस घर में गौ पालन किया जाता है, उस घर के लोग संस्कारी और सुखी होते हैं। गौ माता जीवन-मरण के चक्र से मोक्ष दिलाती है।
8. वैज्ञानिक शोधों के अनुसार यह बात सामने आई हैं कि गाय में जितनी सकारात्मक ऊर्जा है, उतनी किसी अन्य प्राणी में नहीं पाई जाती हैं।
9. गाय के दूध में वे सारे तत्व मौजूद हैं, जो हमारे जीवन के लिए जरूरी हैं। वैज्ञानिक भी मानते हैं कि गाय के दूध में सारे पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं। इतना ही नहीं मीरा बाई भी जहर पीकर जीवित बच गई थी, क्योंकि वे पंचगव्य का सेवन करती थीं।
10. भारतीय संस्कृति में गाय का गोबर अमृत के समान तथा गोबर से बनी खाद ही खेती के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती हैं।
11. गाय से प्राप्त होने वाले दूध से पंचगव्य बनाया जाता हैं, जो कि कई बीमारियों में लाभदायी माना जाता है। गाय से प्राप्त दूध से दही, घी तथा मूत्र, गोबर द्वारा पंचगव्य का निर्माण किया जाता है।
12. हिंदू धर्म में गौ माता को इतना पवित्र माना जाता है कि प्रतिदिन गौ-दर्शन मात्र से मनुष्य का उद्धार हो जाता है, उसका जीवन सुधर जाता है, क्योंकि गौ-दर्शन के बाद और किसी के दर्शन की आवश्यकता नहीं रह जाती।
13. गौ माता के पूजन अर्चन तथा उनके संरक्षण मात्र से 33 करोड़ देवों को प्रसन्न किया जा सकता हैं, क्योंकि गौ माता में यह सभी विराजमान है।
14. गौ माता के सींगों के अग्रभाग में साक्षात् विष्णुस्वरूप भगवान वेदव्यास निवास करते हैं।
15. इतना ही नहीं मरने से पहले गाय की पूंछ छूते हैं ताकि जीवन में किए गए पापों से मुक्ति मिले और मरणासन्न पड़े व्यक्ति को मोक्ष या वैकुंठ प्राप्त हो।