हरिद्वार में सोमवती अमावस्या स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब
धर्मनगरी हरिद्वार में सोमवती अमावस्या पर गंगा स्नान के लिए भक्तों का सैलाब हर की पैड़ी पर पहुंच गया। सोमवार को सोमवती अमावस्या पर हरिद्वार और ऋषिकेश समेत गंगा के अन्य घाटों पर श्रद्धालुओं का रेला उमड़ा हुआ है। दूर-दराज से श्रद्धालु उत्तराखंड की पवित्र नदियों में स्नान करके अपने पापों के लिए गंगा मैया से क्षमा मांग रहे हैं, स्नान के बाद गंगा में दीप और दान का सिलसिला भी चलता रहा।
अमावस्या स्नान से एक दिन पहले ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार में पहुंच गए, क्योंकि रविवार दोपहर 2.55 से अमावस्या लग गई थी। धर्म में गंगा का सानिध्य और पुण्य लाभ कमाने के लिए भक्त हरकी पैड़ी पर पहुंच गए। जिसके चलते हरकी पैड़ी गंगा घाट और उसके आसपास के घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब नजर आने लगा। सोमवार को सोमवती अमावस्या पर लाखों श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी, सुभाष घाट, नाई सोता और मालवीय घाट पर डुबकी लगाई।
सोमवती अमावस्या स्नान पर्व के चलते जिला प्रशासन व पुलिस ने पूरे मेला क्षेत्र को 5 सुपर जॉन 16 ज़ोन और 39 सेक्टर में बांटा गया। पूरे प्रदेश में चार धाम यात्रा चल रही है, ऐसे में धर्म नगरी हरिद्वार में भी श्रद्धालुओं का सैलाब दिखाई दे रहा है, इस सैलाब को देखते हुए अलग से ट्रैफिक प्लान लागू किया गया है। ट्रैफिक प्लान के बाद भी हरिद्वार की यातायात व्यवस्था पटरी से उतरती नजर आई। वाहनों के बढ़ते दबाव के कारण हाईवे से लेकर शहर की सड़कों पर सुबह से वाहन रेंगते नजर आए।
मान्यता है कि सोमवती अमावस्या पर गंगा में स्नान करने मात्र से परिवार में सुख-शांति की प्राप्ति होती है। ज्योतिष गणना के मुताबिक, जब सोमवार के दिन अमावस्या पड़ती है तो उस दिन सोमवती अमावस्या कहलाती है। 2022 में सोमवार को अमावस्या पड़ी है, जिस कारण आज सोमवती अमावस्या पर एक खास योग बन रहा है, इस दिन गंगा स्नान के साथ जप, तप और दान का विशेष महत्व बताया गया है।
वट वृक्ष की पूजा का विधान : अमावस्या स्नान दान के लिए, पितरों के लिए बहुत ही पुण्य देने वाली मानी जाती है। अमावस्या पर लोग अपने पितरों के नाम से पूजा-अर्चना करके ब्राह्मण को दान देते हैं। माना जाता है ऐसा करने से उनके पितृ तृप्त रहते हैं। घर में सुख-शांति व धन-धान्य का वास रहता है।
आज के दिन वट वृक्ष की पूजा का भी विधान है, कहा जाता है कि इस दिन शिव-पार्वती की पूजा और व्रत करने से सुहाग की आयु लंबी होती है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। दांपत्य जीवन में स्नेह और सद्भाव बढ़ाने के लिए भी महिलाएं वट की पूजा भी करती हैं।
कारोबारियों के चेहरे खिले : एक किंवदंती के अनुसार सावित्री ने यमराज से अपने पति के प्राण वापस लौटाए थे, जिसके चलते आज के दिन ही महिलाएं वट सावित्री का व्रत भी रखती हैं। कुंभ मेला 2021 के बाद यह पहला गंगा स्नान है जिसमें श्रद्धालुओं की बड़ी तादाद हरिद्वार में नजर आई। आस्था की डुबकी लगाने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु धर्मनगरी हरिद्वार पहुंचे हुए हैं।
यहां के सभी होटल, गेस्ट हाउस, लाज, धर्मशाला फुल हैं। कोई भक्त पेड़ के नीचे, सड़को के किनारे बैठकर गंगा मैया के दर्शन का पुण्य उठा रहा है। वहीं, बच्चों की गर्मियों की छुट्टी पड़ चुकी हैं, ऐसे में श्रद्धालु सोमवती अमावस्या का स्नान भी कर रहे हैं और बच्चों को प्रकृति की गोद में लाकर सैर भी। वहीं, उत्तराखंड के कारोबारियों को चेहरा खिला हुआ है कि बड़ी संख्या में पर्यटक और गंगा भक्त आए हैं, जिससे उनका कारोबार बढ़ गया है।