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Last Modified: गुरुवार, 26 सितम्बर 2019 (13:26 IST)

PMC Bank संकट : 10 पाइंट में जानिए डूबते बैंक की कहानी...

PMC Bank case | PMC Bank संकट : 10 पाइंट में जानिए डूबते बैंक की कहानी...
PMC Bank पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इस बैंक के खाता धारकों और निवेशकों में घबराहट का माहौल दिखाई दे रहा है। पंजाब और महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (PMC) ने 24 सितंबर को अपने खाताधारकों को जानकारी दी कि बैंक आरबीआई की निगरानी में जा रहा है और अब खाताधारक अपना पैसा नहीं निकाल सकेंगे। इससे एक दिन पहले तक बैंक अपने ग्राहकों को भरोसा दे रहा था कि सब कुछ ठीक चल रहा है, चिंता की कोई बात नहीं है। 10 पाइंट में जानिए डूबते बैंक की कहानी...

आरबीआई के आदेश के मुताबिक, अगले 6 महीनों में खाताधारक अपने बैंक अकाउंट से अधिकतम 1000 रुपए ही निकाल सकेंगे। दूसरी ओर बैंक का कहना है कि चिंता की कोई बात नहीं है। ग्राहकों का एक-एक पैसा सुरक्षित है।

पीएमसी बैंक की स्थापना 1984 में मुंबई के सियान क्षेत्र में हुई थी। इस बैंक की देश के 6 राज्यों में 137 शाखाएं हैं।

मार्च 2019 के अंत तक बैंक में 11 हजार 617 करोड़ रुपए जमा थे, जबकि बैंक ने 8383 करोड़ रुपए क़र्ज़ के तौर पर दिए थे।

महाराष्ट्र के अलावा बैंक की शाखाएं दिल्ली, कर्नाटक, गोवा, गुजरात, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी हैं।

जानिए पूरा मामला : बैंकिंग विशेषज्ञ बताते हैं कि इस साल मार्च तक बैंक की हालत ठीक थी। पंजाब और महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक महाराष्ट्र के शीर्ष को-ऑपरेटिव बैंकों में से एक है।

बैंक क़रीब 17 हज़ार करोड़ रुपए का कारोबार करती है। मार्च 2019 की बैलेंसशीट के मुताबिक बैंक ने 99 करोड़ रुपए का मुनाफ़ा भी कमाया है।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक बैंक ने HDIL एचडीआईएल (हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड) नाम की कंपनी को ढाई हज़ार करोड़ रुपए का क़र्ज़ दिया है।

खबर है कि एचडीआईएल दिवालिया होने जा रही है। जिस तरह से आईएलएफ़स (ILFS) में समस्या चल रही है उसी तरह से एचडीआईएल ने भी दिवालिया होने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसका सीधा असर पीएमसी पर पड़ा है। इसके बाद रिज़र्व बैंक ने पीएमसी बैंक के नया निवेश करने या क़र्ज़ देने पर भी रोक लगा दी है। रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने बैंक से कहा है कि वो 2 हज़ार 5 सौ करोड़ रुपए का इंतज़ाम करे।

आरबीआई के निर्देशानुसार बैंक को 100 प्रतिशत इंतज़ाम करना पड़ेगा, लेकिन बैंक का मुनाफ़ा और सरप्लस कुल मिलाकर हज़ार करोड़ भी नहीं है। यही नहीं रिज़र्व बैंक ने पीएमसी बैंक के नया निवेश करने या क़र्ज़ देने पर भी रोक लगा दी है।

इसी बीच बैंक के प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस ने खाताधारकों से कहा है कि बैंक 6 महीनों के भीतर फिर से पहले की तरह कारोबार करने लगेगी। हालांकि अच्छी खबर यह है कि रिज़र्व बैंक ने फिलहाल बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट के सेक्शन 35ए के तहत अपनी निगरानी में ज़रूर लिया है, लेकिन बैंक का लाइसेंस रद्द नहीं किया है।
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