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Last Updated : बुधवार, 24 जनवरी 2018 (18:22 IST)

पद्मावत पर इंदौर में विवाद भड़का, राजपूतों के खिलाफ विवादित टिप्पणी

पद्मावत पर इंदौर में विवाद भड़का, राजपूतों के खिलाफ विवादित टिप्पणी - indore padmavat issue
इंदौर। शहर में बुधवार को पद्मावती विवाद और भड़क गया है। दरअसल, एक समुदाय विशेष के युवक ने राजपूत समाज के खिलाफ अभद्र टिप्पणी कर दी। इससे मामला और बिगड़ गया। अब हिन्दू संगठन भी इस विवाद में कूद पड़े हैं। 
 
प्राप्त जानकारी के अनुसार फेसबुक पर इमरान शेख नामक एक युवक ने राजपूतों की वीरता पर सवाल उठाते हुए उनके खिलाफ अभद्र टिप्पणी कर दी। इस मैसेज की खबर जैसे लोगों को लगी तो हिन्दू जागरण मंच के विभाग उपाध्यक्ष राजा कोठारी, शैलेन्द्र महाजन और कपिल ठाकुर के नेतृत्व में लोग कनाड़िया रोड स्थित इक्यूटस बैंक के दफ्तर के सामने एकत्रित हो गए। 
बताया जाता है कि यह युवक इक्यूटस बैंक में काम करता है। विरोध प्रदर्शन की जानकारी लगते ही पलासिया थाने से कई पुलिसकर्मी भी बैंक पहुंच गए। दूसरी ओर मधुमिलन टाकीज के पास सिख समाज के लोगों ने संजय लीला भंसाली का पुतला जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। 
 
इसी तरह इंदौर के पास यशवंत सागर पर समाज के लोगों ने टायर जलाकर चक्का जाम किया। इसके चलते काफी समय तक इंदौर-देपालपुर मार्ग जाम रहा। 
 
महू में पुतला दहन : इंदौर में ही महू के किशनगंज थाना क्षेत्र के ग्राम पिगडंबर में बड़ी संख्या में राजपूत समाज के युवा एबी रोड पर एकत्र हुए और पुतला दहन किया साथ ही चक्काजाम भी किया।

इंदौर जिले के महू में आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग पर करणी सेना के करीब 500 कार्यकर्ताओं ने सुबह करीब सवा 11 से 12 बजे तक चक्काजाम किया। इस दौरान करीब एक घंटे तक राजमार्ग बाधित रहा। पुलिस प्रशासन ने घटनास्थल पर हल्का बलप्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर किया, जिसके बाद यातायात सामान्य हो सका। पुलिस ने मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं की है।
 
भोपाल के एमपी नगर इलाके में आज शाम करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। यहां एक कार को आग लगाने की सूचना भी मिली है। वहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। प्रदर्शन के कारण यहां जाम भी लग गया था।
होशंगाबाद के मीनाक्षी चौक पर करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने भंसाली का पुतला जलाया। उन्होंने फिल्म का प्रदर्शन नहीं होने देने की चेतावनी भी दी।
 
नीमच में अन्य स्थानों में उग्र प्रदर्शन के बजाय करणी सेना ने गांधीगीरी का रास्ता अपनाया। वहां प्रदर्शनकारियों ने सिनेमाघर मालिकों को फूल भेंट कर फिल्म प्रदर्शित नहीं करने का अनुरोध किया।