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Last Updated :तिरुवनंतपुरम , मंगलवार, 30 जनवरी 2024 (12:48 IST)

केरल में भाजपा नेता की हत्या मामले में दोषी 14 PFI कार्यकर्ताओं को मौत की सजा

भाजपा ओबीसी मोर्चा का राज्य सचिव था रणजीत श्रीनिवासन

केरल में भाजपा नेता की हत्या मामले में दोषी 14 PFI कार्यकर्ताओं को मौत की सजा - Death sentence to 14 PFI workers convicted in the murder of BJP leader in Kerala
  • श्रीनिवास की परिवार के सामने हत्या
  • अभियोजन पक्ष ने अधिकतम सजा की मांग
  • पीएफआई पर सरकार लगा चुकी है प्रतिबंध
Death penalty to 14 PFI workers in Kerala: केरल की अलपुझा कोर्ट ने मंगलवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भाजपा कार्यकर्ता रणजीत श्रीनिवासन की हत्या मामले में दोषी ठहराए गए प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 14 कार्यकर्ताओं को मौत की सजा सुनाई है। 
 
भाजपा के ओबीसी मोर्चा के राज्य सचिव रणजीत श्र‍ीनिवासन की 19 दिसंबर 2021 को उनके ही घर में परिवार के लोगों के सामने हत्या कर दी गई। श्रीनिवास की हत्या उस समय हुई जब वह अपने घर लौट रहे थे। श्रीनिवास की हत्या सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) नेता केएस शान की एक गैंग द्वारा हत्या किए जाने के कुछ समय बाद ही हुई थी।  
 
अभियोजन पक्ष ने आरोपियों के लिए ‍अधिकतम सजा की मांग करते हुए कहा कि यह दुर्लभ से दुर्लभतम मामला है क्योंकि आरोपियों ने बड़ी क्रूरता से ‍श्रीनिवास की उसकी मां, पत्नी और बच्चे के सामने हत्या कर दी। सुनवाई के बाद मावेलिक्कारा की अतिरिक्त जिला जज वीजी श्रीदेवी ने सजा सुनाई। 
 
क्या है PFI? : इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का गैर राजनीतिक संगठन है। सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया यानी कि एसडीपीआई इसका राजनीतिक संगठन है। इस पर सरकार ने 5 साल का प्रतिबंध लगाया हुआ है। पीएफआई के खिलाफ आरोप ये भी हैं कि विभिन्न इस्लामी आतंकवादी समूहों के साथ उसके कथित संबंध हैं। इस संगठन का नाम लगातार हिंसा के मामलों में जुड़ता रहा है। 
 
पीएफआई 2006 में उस वक़्त सुर्खियों में आया था जब दिल्ली के राम लीला मैदान में नेशनल पॉलिटिकल कांफ्रेंस का आयोजन किया गया था। तब लोगों की बड़ी संख्या में लोगों ने यहां उपस्थिति दर्ज कराई थी। यह माना जाता है कि इसकी पूरी राजनीति मुस्लिमों के इर्द-गिर्द ही चलती है। देश में 23 राज्य ऐसे हैं, जहां पीएफआई अपनी गतिविधियां चला रहा था। यह संगठन खुद को न्याय, स्वतंत्रता और सुरक्षा का पैरोकार बताता रहा है। (वेबदुनिया/एजेंसी) 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
 
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