'अलीबाग से आया है क्या?' कोर्ट ने कहा- मजे लीजिए...
मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को 'अलीबाग से आया है क्या?' कहावत पर प्रतिबंध लगाने की याचिका खारिज करते हुए कहा कि इसमें कुछ भी अपमानजनक नहीं है और इसे अपमान के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।
याचिका के अनुसार यह मुहावरा महाराष्ट्र में आमतौर पर किसी ऐसे व्यक्ति के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जिसे मूर्ख या बेहद भोला माना जाता हो। मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति प्रदीप नंदराजोग और न्यायमूर्ति एनएम जामदार की पीठ ने महाराष्ट्र के अलीबाग के निवासी राजेन्द्र ठाकुर की जनहित याचिका खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति नंदराजोग ने कहा कि हर समुदाय पर चुटकुले बने हैं। संता-बंता चुटकुले, मद्रासी चुटकुले और उत्तर भारतीयों पर चुटकुले। मजे लीजिए...अपमानित महसूस मत कीजिए। पीठ ने कहा कि हमें इसमें कुछ भी अपमानजनक नहीं मिला। ठाकुर ने याचिका में कहा था कि कहावत 'अपमानजनक और गलत है' क्योंकि इसमें अलीबाग के लोगों को निरक्षर दर्शाया जाता है।