बंगाल पुलिस ने भाजपा प्रतिनिधिमंडल को हिंसा प्रभावित इलाकों में जाने से रोका
हावड़ा। पश्चिम बंगाल में हावड़ा जिले के धूलागढ़ में शनिवार को पुलिस ने भाजपा के एक केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल को हिंसा प्रभावित क्षेत्र में जाने से रोक दिया जिसके बाद उसने सड़क पर प्रदर्शन किया और ममता बनर्जी सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया।
पार्टी के प्रतिनिधिमंडल और पार्टी समर्थकों को घटनास्थल से करीब 1 किलोमीटर पहले ही रोक दिया गया। कुछ दिन पहले इलाके में झड़प हुई थी। इस प्रतिनिधिमंडल में सांसद जगदम्बिका पाल, सतपाल सिंह, प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष और राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा थे।
पुलिस ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि उसे आगे नहीं जाने दिया जाएगा, क्योंकि धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगाई गई है। इससे नाराज भाजपा प्रतिनितिधिमंडल ने अपने हजारों समर्थकों के साथ सड़क जाम कर दी। पुलिस ने इलाके को घेर लिया और बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए।
पाल ने आरोप लगाया कि राज्य में कानून व्यवस्था जैसी कोई चीज नहीं है। सरकार एक खास समुदाय के प्रति तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने धूलागढ़ में हिंसा के सिलसिले में 65 लोगों को गिरफ्तार करने पर हावड़ा (ग्रामीण) के पुलिस अधीक्षक सब्यसाची रमन मिश्रा का तबादला कर दिया। इस स्थान पर एक समुदाय के लोगों के मकानों एवं संपत्ति पर दूसरे समुदाय के लोगों ने हमला किया।
घोष ने आरोप लगाया कि दक्षिणपंथी मुस्लिम संगठन एवं सिमी कार्यकर्ता इलाके में घुस गए हैं और समस्या पैदा कर रहे हैं तथा भाजपा को निषेधाज्ञा की पूर्व सूचना नहीं दी गई। हम चकित हैं कि पुलिस ने हमें लोगों का दुख-दर्द जानने के लिए इलाके में उनसे मिलने जाने नहीं दिया। (भाषा)