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Written By WD Feature Desk

क्यों है श्री रामलला की मूर्ति का रंग काला, 5 रहस्य छुपे हैं इसके पीछे

ayodhya ram mandir
Ramlal ki murti ki khasiyat kya hai: अयोध्या में जन्मभूमि पर स्थित राम मंदिर में रामलला की मूर्ति को स्थापित करके उनकी प्राण प्रतिष्ठा की गई है। अब आम लोगों के दर्शनार्थ मंदिर खुला है। आरती में शामिल होने के लिए पहले से बुकिंग करानी होगी। मूर्ति के दर्शन करना अद्भुत है। क्या आपको पता है कि रामलला मूर्ति की खासियत क्या है? यदि नहीं तो यहां जानिए।
  • श्याम शिला से बनी है मूर्ति क्योंकि श्रीराम का रंग भी श्यामल था।
  • करीब तीन अरब साल पुरानी चट्टान से बनी है मूर्ति
  • हजारों वर्षों तक क्षरण नहीं होगा मूर्ति का
  • प्राण प्रतिष्ठा के बाद बदल गई है मूर्ति
  • मूर्ति को पहनाए गए हैं कई कीमती आभूषण और वस्त्र
1. काला पत्थर : रामलला की मूर्ति को काले पत्थर से बनाया गया है। बोलने में यह काला पत्थर है परंतु इसका रंग श्याम है। इसे कृष्ण शिला और श्याम शिला भी कहा जा रहा है। मूर्ति एक ही पत्थर की बनी है इसमें किसी भी प्रकार का जोड़ नहीं है। भगवान श्रीराम का रंग मेघ श्याम की तरह था। यानी काले बादलों की तरह।
 
2. तीन अरब साल पुरानी चट्टान : मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा तराशी गई 51 इंच की मूर्ति को तीन अरब साल पुरानी चट्टान से बनाया गया है। नीले रंग की इस चट्टान को मैसूर के एचडी कोटे तालुका में जयापुरा होबली में गुज्जेगौदानपुरा से खुदाई करके प्राप्त की गई थी। यह एक महीन से मध्यम दाने वाली, आसमानी-नीली मेटामॉर्फिक चट्टान है। इसकी चिकनी सतह की बनावट के कारण इसे सोपस्टोन कहते हैं।
 
3. हजारों वर्षों तक नहीं होगा क्षरण : इस मूर्ति पर पर चाहे कितना ही दूध या जल से अभिषेक किया जाए, चंदन या रोली लगाई जाए परंतु इस मूर्ति पर इसका कोई प्रभाव नहीं होना क्योंकि यह मूर्ति जलरोधी है। किसी भी मौसम का इस मूर्ति पर कोई असर नहीं होता है। मूर्ति हजारों वर्षों तक सुरक्षित रहेगी। 
Ram lalla murti
4. मूर्ति की बनावट : कमलदल पर खड़े रूप में बनाई गई मूर्ति किसी 5 वर्षीय बालक की मनमोहक छवि लिए हुए है। बाएं हाथ में धनुष और दाएं हाथ में बाण है साथ ही इस हाथ की मुद्रा आशीर्वाद की है। मूर्ति की ऊंचाई 51 इंच की, चौड़ाई 3 फीट और वजन 200 किलो का है। घुंघराले बाल हैं और मस्तक पर सूर्य के साथ वैष्णव तिलक है। मूर्ति के मुकुट के आसपास  ऊँ, पद्म, चक्र, सूर्य, गदा, शंख और स्वस्तिक के चिह्न हैं और आसपास सभी 10 अवतारों को भी उकेरा गया है। मूर्ति के चरणों में हनुमान और गरुड़ जी को बनाया गया है। मूर्ति को करोड़ों का मुकुट पहनाए जाने के साथ ही कीमती आभूषण और वस्त्र पहनाए गए हैं।
 
5. प्राण प्रतिष्ठा के बाद मूर्तिकार की मूर्ति बदल गई : कर्नाटक के अरुण योगीराज की बनाई गई भगवान राम की मूर्ति ही राम मंदिर में स्थापित की गई है। योगीराज ने कहा कि गर्भगृह के बाहर तक उनकी मूर्ति की छवि अलग थी। लेकिन, जैसे ही मूर्ति को गर्भगृह में प्रवेश कराया गया, अचानक ही उसकी आभा ही बदल गई। इसे मैंने भी महसूस किया। मैंने गर्भगृह में अपने साथ मौजूद लोगों को भी इस संबंध में कहा था कि यह दैवीय चमत्कार है या कुछ और। लेकिन, मूर्ति में बदलाव हो गया था। मैं किन भावनाओं से गुजर रहा हूं यह शब्दों में बयां नहीं कर सकता।
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