जयपुर। राजस्थान विधानसभा में 5,000 से कम वोटों के अंतर से पिछला चुनाव जीतने वाले 2 मंत्री, विधानसभा उपाध्यक्ष तथा भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष को इस बार भी चुनाव में खड़े होने का मौका दिया गया है जबकि ऐसे ही एक मंत्री और 7 विधायकों को बाहर का रास्ता देखना पड़ा।
प्रदेश में 27 सीटें ऐसी हैं, जहां पिछली बार जीत का अंतर 5,000 मतों से भी कम रहा। इनमें सिर्फ 5 सीटों पर ही पिछले उम्मीदवार इस बार फिर आमने-सामने हैं, जबकि 22 सीटों पर भाजपा या कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार बदल दिए हैं।
5,000 से कम मतों के अंतर से जीतने वाले खाद्य मंत्री हेमसिंह भडाना को थानागाजी से, विधायक ज्ञानदेव आहुजा को रामगढ़ से, जगत सिंह को कामां से, अनिता कटारा को सागवाड़ा से, देवेन्द्र कटारा को डूंगरपुर से तथा छोटू सिंह को जैसलमेर से टिकट से हाथ धोना पड़ा है। कांग्रेस ने भी ऐसे 2 विधायक दातारामगढ़ से नारायण सिंह तथा झाडोल से हीरालाल को इस बार उम्मीदवार नहीं बनाया।
पिछली बार भाजपा की चुनावी लहर के बावजूद 5,000 से कम वोटों के अंतर से जीतने वाली 27 सीटों में से बारां जिले के अंता में कृषिमंत्री प्रभुलाल सैनी कांग्रेस के प्रमोद भाया जैन से 3,339 मतों से ही चुनाव जीते थे तथा इस बार भी उनका सामना कांग्रेस के जैन से होगा।
इसी तरह चित्तौड़गढ़ जिले के निम्बाहेड़ा में स्वायत्त शासन मंत्री श्रीचंद कृपलानी कांग्रेस के उदय लाल आंजना से 3,370 मतों से ही चुनाव जीत पाए थे। पार्टी ने कृपलानी को कांग्रेस के आंजना के सामने फिर मैदान में उतारा है। ये दोनों उम्मीदवार चौथी बार चुनाव में आमने-सामने होंगे। श्रीगंगानगर जिले के करणपुर में खान मंत्री सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी कांग्रेस के गुरमीत कुन्नर से 3,853 मतों से ही चुनाव जीते थे। दोनों दलों ने उन्हें फिर मैदान में उतरने का मौका दिया है।
आदिवासी क्षेत्र गोगुन्दा में भाजपा के प्रताप गमेती ने पिछला चुनाव कांग्रेस के मांगीलाल गरासिया को 3,345 मतों के अंतर से हराकर जीता था। दोनों दलों ने इस बार भी प्रत्याशी नहीं बदले। इसके अलावा धौलपुर जिले के बाड़ी में कांग्रेस के गिरिराज ने भाजपा के जसवंत सिंह को 2,814 मतों से मात दी थी तथा इस बार भी दोनों उम्मीदवार आमने-सामने हैं।
इन 5 सीटों के अलावा 22 सीटें ऐसी हैं, जहां भाजपा या कांग्रेस ने जीत के लिए अपने उम्मीदवार बदल दिए। इनमें जयपुर जिले की शाहपुरा सीट भी है, जहां विधानसभा उपाध्यक्ष राव राजेन्द्र सिंह के सामने कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बदल दिया है। पिछली बार निर्दलीय उम्मीदवार रहे मनीष यादव को कांग्रेस ने पिछले उम्मीदवार आलोक के स्थान पर उम्मीदवार बनाया है। (वार्ता)