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Written By WD Feature Desk
Last Updated : गुरुवार, 2 जनवरी 2025 (14:35 IST)

महाकुंभ 2025: कुंभ में गंगा स्नान से पहले जान लें ये नियम, मिलेगा पूरा पुण्य लाभ

महाकुंभ 2025: कुंभ में गंगा स्नान से पहले जान लें ये नियम, मिलेगा पूरा पुण्य लाभ - anga Snan Rules in Kumbh
Ganga Snan Rules in Kumbh
 
Ganga Snan Rules in Kumbh :  महाकुंभ में गंगा स्नान एक पवित्र अनुष्ठान है। हिंदू धर्म में गंगा स्नान का विशेष महत्व है खासकर ग्रस्तों के लिए महाकुंभ में गंगा स्नान की बहुत मानता है। इस पवित्र अनुष्ठान को करने के लिए कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। इन नियमों का पालन करने से हमें पूर्ण पुण्य लाभ प्राप्त होता है

आइए इस लेख में आपको बताते हैं महाकुंभ 2025 में गंगा स्नान के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। इस लेख में हम आपको गृहस्थ लोगों के लिए गंगा स्नान के नियमों के बारे में विस्तार से बताएंगे।

गृहस्थों के लिए गंगा स्नान के महत्वपूर्ण नियम
साधु-संतों को दें प्राथमिकता: महाकुंभ में साधु-संतों का विशेष स्थान होता है। शाही स्नान के दौरान विशेषकर साधु-संतों को पहले स्नान करने का अवसर दिया जाता है। गृहस्थों को साधु-संतों के स्नान के बाद ही स्नान करना चाहिए। ऐसा न करने पर धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पाप लग सकता है।
पांच बार डुबकी: गंगा स्नान के दौरान कम से कम पांच बार डुबकी लगाना शुभ माना जाता है। यह संख्या धार्मिक महत्व रखती है और माना जाता है कि इससे पांच तत्वों (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश) का शुद्धीकरण होता है।
मन में पवित्र भाव: गंगा स्नान करते समय मन को पवित्र भावों से भर देना चाहिए। किसी भी प्रकार का बुरा विचार मन में नहीं लाना चाहिए।
शांत वातावरण: स्नान के दौरान शांत वातावरण बनाए रखना चाहिए। शोर-शराबा करने से पवित्रता भंग होती है।
साफ-सफाई: स्नान करने से पहले शरीर को अच्छी तरह से धो लेना चाहिए।
दान: स्नान के बाद जरूरतमंदों को दान करना चाहिए। यह पुण्य का काम माना जाता है।

मकहाकुम्भ में गंगा स्नान का महत्व
गंगा स्नान को हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है। माना जाता है कि गंगा जल में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं और मन शुद्ध हो जाता है। महाकुंभ में गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है क्योंकि इस दौरान ग्रह-नक्षत्रों की विशेष स्थिति होती है जिससे गंगा जल और अधिक पवित्र हो जाता है।
 
 
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