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  4. Strong arrangements in Maha Kumbh, concern about Mauni Amavasya, how will the arrangements be managed
Last Modified: मंगलवार, 28 जनवरी 2025 (14:06 IST)

महाकुंभ में तगड़ा इंतजाम, चिंता मौनी अमावस्या की, कैसे संभलेगी व्यवस्था

मौनी अमावस्या के शाही स्नान के दिन 10 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के प्रयागराज पहुंचने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

Mahakumbh
Mauni Amavasya Royal Bath in Prayagraj Maha Kumbh: प्रयागराज महाकुंभ में यूं तो सरकार और प्रशासन की ओर से तगड़े इंतजाम किए गए हैं, लेकिन  मौनी अमावस्या के शाही स्नान के दिन श्रद्धालुओं के सैलाब को संभालना उतना आसान भी नहीं होता। मौनी अमावस्या के के दिन 10 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना व्यक्त की जा रही है। ऐसे में चिंता इस बात की है कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों को कैसे कंट्रोल किया जाएगा। संगम तक पहुंचने के लिए करीब 15 किलोमीटर की पैदल यात्रा करना पड़ती है। ऐसा भी कहा जा रहा है कि मौनी अमावस्या के दिन सभी श्रद्धालुओं का संगम तक पहुंचना नामुमकिन है। उल्लेखनीय है कि महाकुंभ की शुरुआत से लेकर अब तक करीब 15 करोड़ श्रद्धालु आस्था की पवित्र डुबकी लगा चुके हैं। 
 
प्रशासन की पूरी तैयारी : हालांकि मौनी अमावस्या के अमृत स्नान (शाही स्नान) के लिए प्रशासन ने पूरी तैयार कर रखी है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए भी कड़े इंतजाम किए गए हैं। पूरे मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेड्स लगाए गए हैं। सरकार और प्रशासन का अनुमान है कि महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन 10-12 करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच सकते हैं। हालांकि तमाम तैयारियों के बावजूद श्रद्धालुओं की एक शिकायत यह भी है कि पीपे के पुल से उन्हें इधर-उधर घुमाया जा रहा है। ऐसे में सामान के साथ इधर-उधर घूमने में लोगों को मुश्किल हो रही है। हर श्रद्धालु का संगम तक पहुंचना मुश्किल है। अत: उन्हें सीसामऊ, झूंसी आदि स्थानों पर गंगा स्नान करवाया जा रहा है। ALSO READ: Mauni Amavasya 2025: महाकुंभ में मौनी अमावस्या का महास्नान, 6 शुभ योग संयोग में होगा शाही स्नान, 10 कार्य जरूर करें
 
मेला क्षेत्र नो-व्हीकल झोन : श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ के मद्देनजर यातायात व्यवस्था में भी लगातार बदलाव किया जा रहा है। मेला क्षेत्र को 27 जनवरी की शाम से नो-व्हीकल झोन घोषित कर दिया गया है। 25 जनवरी से ही प्रशासन ने मेला क्षेत्र में बाहरी गाड़ियों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया है। कुछ रूट डायवर्जन किए गए हैं। दूसरे शहर से आने वाले वाहनों को बाईपास के निकाला जा रहा है। कुंभ मेला क्षेत्र के लिए करीब 35 पार्किंग की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा भी पार्किंग की व्यवस्था की गई है। 
पार्किंग की व्यवस्था : लखनऊ, प्रतापगढ़ और कानपुर की ओर से आने वाले श्रद्धालु अपने वाहन बेली कछार और बेला कछार एक या दो में पार्क कर सकेंगे। कौशाम्बी मार्ग से शहर में प्रवेश करने वाले लोग नेहरू पार्क व एयरफोर्स मैदान पार्किंग में वाहन पार्क सकेंगे। जौनपुर से प्रयागराज आने वाले वाहनों को चीनी मिल पार्किंग झूंसी और पूरेसूरदास पार्किंग गारा रोड पर पार्क किया जा सकेगा। वहीं, वाराणसी से प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं को कनिहार रेलवे अंडरब्रिज से शिवपुर उस्तापुर पार्किंग, पटेल बाग, कान्हा मोटर्स पार्किंग में वाहन पार्क करना होंगे। मिर्जापुर-प्रयागराज मार्ग से महाकुंभ आने वाले श्रद्धालुओं के लिए देवरख उपरहार और सरस्वती हाईटेक पार्किंग की व्यवस्था रहेगी। रीवा मार्ग से आने वाले श्रद्धालु नैनी एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट और नव प्रयागम पार्किंग एरिया में अपने वाहन पार्क कर सकेंगे। इसी तरह अन्य स्थानों पर भी पार्किंग की व्यवस्था की गई है। पार्किंग एरिया से श्रद्धालु आगे की यात्रा ई-रिक्शा से तय कर सकेंगे। ALSO READ: Maha Kumbh 2025 : क्या महाकुंभ में स्नान से खत्म होगी गरीबी, कैमरे के सामने त्रिवेणी संगम में डुबकी की होड़, शाह की गंगा डुबकी पर खरगे का कटाक्ष
 
रेलवे की ओर मौनी अमावस्या पर विशेष व्यवस्था : प्रयागराज महाकुंभ में 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के महापर्व पर प्रयागराज रेल मंडल के स्टेशनों पर विशेष व्यवस्था लागू की जाएगी। मौनी अमावस्या पर्व के दिन प्रयागराज रेल मंडल ने शहर के सभी स्टेशनों पर यात्रियों के आने और जाने के लिए विशेष योजना बनाई है। बयान के मुताबिक, 25 जनवरी से ही लगभग एक करोड़ यात्री प्रतिदिन महाकुंभ में आने लगे हैं। इतनी भारी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा और उनकी सुगम निकासी के लिए प्रयागराज रेल मंडल ने शहर के सभी स्टेशनों के लिए विशेष योजना और कुछ प्रतिबंध लागू किए हैं। ये प्रतिबंध मौनी अमावस्या से एक दिन पहले और दो दिन बाद तक लागू रहेंगे।
 
मौनी अमावस्या के स्नान पर्व के दिन प्रयागराज जंक्शन पर प्रवेश केवल सिटी की तरफ वाले दरवाजे से और प्लेटफॉर्म नं.-एक की ओर से दिया जाएगा। निकास केवल सिविल लाइंस और प्लेटफार्म नंबर छह की ओर से होगा। आरक्षित यात्रियों, जिनका पहले से टिकट आरक्षित है, उन्हें सिटी की तरफ स्थित गेट नंबर 5 से अलग से प्रवेश दिया जाएगा, जबकि अनारक्षित यात्रियों को दिशावार कलर कोडेडे आश्रय स्थलों के माध्यम से प्रवेश कराया जाएगा। टिकट के लिए आश्रय स्थलों में ही अनारक्षित टिकट काउंटर, एटीवीएम और मोबाइल टिकटिंग की व्यवस्था रहेगी।
 
इसमें कहा गया है कि भीड़ के अतिरिक्त दबाव का प्रबंधन करने के लिए खुसरो बाग में एक लाख लोगों के ठहरने की व्यवस्था का इंतजाम किया गया है। मौनी अमावस्या पर्व पर नैनी जंक्शन में प्रवेश केवल स्टेशन रोड से और निकास केवल मालगोदाम की ओर से होगा। इसी तरह आरक्षित यात्रियों को गेट नंबर दो से अलग से प्रवेश दिया जाएगा, जबकि प्रयागराज छिवकी स्टेशन पर प्रवेश केवल प्रयागराज-मिर्जापुर राजमार्ग को जोड़ने वाले सीओडी मार्ग से और निकास केवल जीई सी नैनी रोड की ओर से होगा।
 
आरक्षित यात्री गेट नंबर दो से प्रवेश करेंगे। सूबेदारगंज स्टेशन में प्रवेश झलवा, कौशाम्बी रोड की ओर से होगा जबकि निकास केवल जीटी रोड की ओर होगा। बयान में कहा गया है कि आरक्षित यात्री गेट नंबर तीन से प्रवेश करेंगे। इसमें कहा गया है कि अनारक्षित यात्रियों के लिए सभी स्टेशनों पर दिशावार ‘कलर कोडेड’ आश्रय स्थल बनाये गये हैं जहां से यात्रियों को उनके अलग-अलग रंग के टिकट के हिसाब से प्लेटफार्म पर पहुंचाया जाएगा। जहां से कई नियमित और मेला स्पेशल ट्रेन से यात्रियों को उनके गंतव्य स्टेशन तक पहुचांया जाएगा। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala