मंगलवार, 8 अप्रैल 2025
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. अन्य त्योहार
  4. Mahesh Navmi 2019
Written By राजश्री कासलीवाल

जनमानस की जागृति का प्रतीक महेश नवमी आज, जानिए महत्व

Mahesh Navmi 2019
महेश नवमी माहेश्वरी समाज के लोगों का प्रमुख त्योहार है। प्रतिवर्ष ज्येष्ठ मास में शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महेश नवमी मनाई जाती है। वर्ष 2019 में यह पर्व 11 जून, मंगलवार को मनाया जा रहा है। ग्रंथों के अनुसार माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति भगवान शिव के वरदान स्वरूप मानी गई है जिसका उत्पत्ति दिवस ज्येष्ठ शुक्ल नवमी है, जो महेश नवमी के रूप में मनाई जाती है। 
 
यह दिन माहेश्वरी समुदाय के लिए बहुत धार्मिक महत्व लिए होता है। इस दिन भगवान शिव और पार्वती की आराधना की जाती है। यह त्योहार 3 दिन पहले शुरू हो जाता है जिसमें चल समारोह, धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। यह दिन भगवान शिव और मां पार्वती की आराधना के लिए समर्पित है। 
 
महेश स्वरूप में आराध्य भगवान 'शिव' पृथ्वी से भी ऊपर कोमल कमल पुष्प पर बेलपत्ती, त्रिपुंड, त्रिशूल, डमरू के साथ लिंग रूप में शोभायमान होते हैं। शिवलिंग पर भस्म से लगा त्रिपुंड त्याग व वैराग्य का सूचक माना जाता है। इस दिन भगवान महेश का लिंग रूप में विशेष पूजन व्यापार में उन्नति तथा त्रिशूल का विशिष्ट पूजन किया जाता है। 
 
इस दिन भगवान शिव (महेश) को पृथ्वी के रूप में रोट चढ़ाया जाता है। शिव पूजन में डमरू बजाए जाते हैं, जो जनमानस की जागृति का प्रतीक है। कमल के पुष्पों से पूजा की जाती है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार माहेश्वरी समाज के पूर्वज क्षत्रिय वंश के थे। शिकार के दौरान वे ऋषियों के शाप से ग्रसित हुए। तब इस दिन भगवान शिव ने उन्हें शाप से मुक्त कर उनके पूर्वजों की रक्षा की व उन्हें हिंसा छोड़कर अहिंसा का मार्ग बताया तथा अपनी कृपा से इस समाज को अपना नाम भी दिया इसलिए यह समुदाय 'माहेश्वरी' नाम से प्रसिद्ध हुआ। 
 
भगवान शिव की आज्ञा से ही माहेश्वरी समाज के पूर्वजों ने क्षत्रिय कर्म छोड़कर वैश्य/व्यापारिक कार्य को अपनाया, तब से ही माहेश्वरी समाज व्यापारिक समुदाय के रूप में पहचाना जाता है। पूरे देश में महेश नवमी का त्योहार हर्षोल्लास से मनाया जाता है तथा शिव-पार्वती से खुशहाल जीवन का आशीर्वाद मांगा जाता है।