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Written By WD Feature Desk
Last Updated : बुधवार, 6 नवंबर 2024 (11:27 IST)

Labh Pancham 2024: पांडव पंचमी आज, जानें लाभ, सौभाग्य और लक्ष्मी पंचमी के बारे में

Pandav
Pandav Panchami 2024: प्रतिवर्ष दीपावली के ठीक 5 दिन बाद कार्तिक मास की शुक्ल पंचमी तिथि को पांडव पंचमी पर्व के रूप में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन को लाभ पंचमी और सौभाग्य पंचमी भी कहते हैं। इस दिन पांच पांडवों ने भी भगवान शिव जी का पूजन कर सुख-समृद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद पाया था, इसलिए इसे पांडव पंचमी भी कहा जाता है।

Highlights 
  • लाभ पंचमी के बारे में जानें।
  • सौभाग्य पंचमी बुधवार को।
  • पंचमी 2024 कौन सी तारीख को है?
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हिन्दू कैलेंडर के अनुसार वर्ष 2024 में यह दिन 06 नवंबर, बुधवार को मनाया जा रहा है। इसके साथ ही इसे ज्ञान पंचमी या लेखनी पंचमी के रूप में भी जाना जाता है। लाभ या सौभाग्य पंचमी का दिन व्यापार में तरक्की की शुरुआत के लिए बेहद शुभ माना जाता है। 
 
आइए जानते हैं पांडव पंचमी, लाभ, ज्ञान, लक्ष्मी, सौभाग्य पंचमी के बारे में...
 
पांच पांडव कौन-कौन हैं : पांडव 5 भाई थे, जिनके नाम युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव हैं, जो कि पांच पांडव के नाम से जाने जाते हैं। इनमें सबसे बड़े युधिष्ठिर जिन्हें धर्मात्मा और सत्यवादी योद्धा, अपनी शारीरिक शक्ति के लिए प्रसिद्ध भीम, महान धर्नुधर एवं योद्धा के रूप में विश्वविख्यात अर्जुन, घुड़सवार में निपुण नकुल और सहदेव पशु विशेषज्ञ तथा तलवार में निपुण होने के साथ ही त्रिकालदर्शी भी था। 
 
पांडव पंचमी का महत्व क्या है : धार्मिक पुराणों के मुताबिक जिस दिन भगवान श्री कृष्ण के आदेश से पांडवों ने कौरवों को युद्ध में हराया था, उस दिन पंचमी तिथि थी। तभी से पांचों पांडवों की पूजा के स्वरूप में पांडव पंचमी मनाई जाती है। इस दिन के संबंध में यह मान्यता है कि पांडव जैसे पुत्रों की प्राप्ति हेतु इस दिन श्री कृष्‍ण सहित पांडवों की पूजा की जाती है।
 
पांडव पंचमी पर कैसे करते हैं पूजन : पांडव/ लाभ/ सौभाग्य पंचमी के दिन घर को गाय के गोबर से लिपा कर गोवर्धन पूजा की तरह ही गाय के गोबर से पांडवों की आकृति बनाकर उनकी पूजा की जाती है। 
 
लाभ पंचमी का धार्मिक महत्व जानें : पांडव पंचमी की तरह ही आज लाभ पंचमी पर्व भी मनाया जा रहा है। यह दिन व्यापारियों को अधिक लाभ दिलाने वाला माना गया है, अत: इस दिन माता लक्ष्मी, मां सरस्वती, भगवान भोलेनाथ तथा श्री गणेश के पूजन का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार यह दिवाली से भी बड़ा दिन माना जाता है तथा कारोबार में सफलता दिलाने वाला भी कहा गया है। सौभाग्य और लाभ शब्द से ही स्पष्ट है कि अपने नाम की तरह यह दिन कितना मंगलकारी तथा सौभाग्य और लाभ से जुड़ा है।

अन्य स्थानों पर इसे लक्ष्मी पंचमी भी कहा जाता है। लाभ पंचमी का दिन विशेष तौर पर एक खास तरह का लाभ पाने के लिए अतिश्रेष्ठ माना गया है। इस संबंध में यह मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री गणेश का पूजन करने से व्यापार में मनोवांछित लाभ तथा शिव-पार्वती का पूजन करने से सौभाग्य प्राप्ति, सुख-शांति, घर-परिवार में समृद्धि और सौभाग्य का वास होता है। इस दिन माता लक्ष्मी का पूजन विशेष तौर पर किया जाता है ताकि उनकी कृपा से अपार धनलाभ तथा सरस्वती की कृपा से वाणी की शुद्धि होकर उसके मिठास का वास होता है। 

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