गुरुवार, 5 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. अन्य त्योहार
  4. Jyeshtha Purnima 2018
Written By

29 मई को ज्येष्ठ पूर्णिमा, सुहागिनें वट वृक्ष की पूजा करके लेंगी आशीष...

29 मई को ज्येष्ठ पूर्णिमा, सुहागिनें वट वृक्ष की पूजा करके लेंगी आशीष...। Jyeshtha Purnima 2018 - Jyeshtha Purnima 2018
जेष्ठ माह की पूर्णिमा को (ज्येष्ठ पूर्णिमा, वट सावित्री) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन वट सावित्री पूजन करने का विधान है। इस बार 29 मई 2018, मंगलवार को अधिक मास की पूर्णिमा आ रही है। अत: सोमवार, 28 मई से शाम 8.40 मिनट से पूर्णिमा तिथि लग जाएगी, जो कि 29 मई को सायं 7 बजकर 49 मिनट तक रहेगी। इस दिन महिलाएं सुखद वैवाहिक जीवन की कामना से वट वृक्ष की पूजा-अर्चना करके अखंड सुहाग की कामना करेंगी। 
 
इस संबंध में यह लोककथा है कि सावित्री ने वट वृक्ष के नीचे पड़े अपने मृत पति सत्यवान को यमराज से जीत लिया था। सावित्री के दृढ़ निश्चय व संकल्प की याद में इस दिन महिलाएं सुबह से स्नान कर नए वस्त्र पहनकर, सोलह श्रृंगार करती हैं तथा वट वृक्ष की पूजा करने के बाद ही वे जल ग्रहण करती हैं।
 
ये हैं पूजन विधि : इस पूजन में महिलाएं 24 बरगद फल (आटे या गुड़ के) और 24 पूरियां अपने आंचल में रखकर 12 पूरी व 12 बरगद फल वट वृक्ष में चढ़ा देती हैं। वृक्ष में एक लोटा जल चढ़ाकर हल्दी-रोली लगाकर फल-फूल, धूप-दीप से पूजन करती हैं। कच्चे सूत को हाथ में लेकर वे वृक्ष की 12 परिक्रमा करती हैं। हर परिक्रमा पर 1 (एक) चना वृक्ष में चढ़ाती जाती हैं और वट वृक्ष के तने पर सूत लपेटती जाती हैं।
परिक्रमा पूरी होने के बाद सत्यवान व सावित्री की कथा सुनती हैं। फिर 12 तार (धागा) वाली एक माला को वृक्ष पर चढ़ाती हैं और एक को गले में डालती हैं। छ: बार माला को वृक्ष से बदलती हैं, बाद में एक माला चढ़ी रहने देती हैं और एक पहन लेती हैं। 
 
जब पूजा समाप्त हो जाती है तब महिलाएं 11 चने व वृक्ष की बौड़ी (वृक्ष की लाल रंग की कली) तोड़कर जल से निगलती हैं, इस तरह वे अपना व्रत समाप्त करती हैं। 
 
इसके पीछे यह मान्यता है है कि सत्यवान जब तक मरणावस्था में थे तब तक सावित्री को अपनी कोई सुध नहीं थी लेकिन जैसे ही यमराज ने सत्यवान को प्राण दिए, उस समय सत्यवान को पानी पिलाकर सावित्री ने स्वयं वट वृक्ष की बौंडी खाकर पानी पिया था। अत: इस दिन महिलाएं अपने अखंड सुहाग तथा सुखी वैवाहिक जीवन के लिए  ज्येष्ठ पूर्णिमा/वट सावित्री पूर्णिमा पर वट वृक्ष का पूजन कर आशीर्वाद लेती है।

 
ये भी पढ़ें
ज्येष्ठ पूर्णिमा पर क्यों किया जाता है वट वृक्ष का पूजन, जानें पौराणिक महत्व...