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  4. If you do this sadhna on Dhumavati Jayanti, you will get mysterious siddhi
Written By WD Feature Desk
Last Updated : सोमवार, 2 जून 2025 (16:10 IST)

धूमावती जयंती पर करें ये साधना तो मिलेगी रहस्यमयी सिद्धि

Dhumavati Jayanti 2025
मां धूमावती, महाविद्याओं में सातवीं महाविद्या हैं। ज्येष्ठ शुक्ल अष्टमी तिथि को देवी धूमावती की जयंती मनाई जाती है। इस बार यह 3 जून 2025 को मंगलवार के दिन मनाई जाएगी। जब सती ने अपने पिता के यज्ञ में अपने पति का अपमान देखा, तो उन्होंने क्रोधित होकर स्वयं को अग्नि में भस्म कर लिया। उनके जलते हुए शरीर से जो धुआं निकला, उससे धूमावती का जन्म हुआ।
 
यह देवी लक्ष्मी की ज्येष्ठा हैं। नारद पाञ्चरात्र के अनुसार, देवी धूमावती ने अपनी देह से देवी उग्रचण्डिका को प्रकट किया था, जो सैकड़ों गीदड़ियों के सामान ध्वनि उत्पन्न करती हैं। दुर्गा शप्तशती के अनुसार देवी धूमावती ने प्रतिज्ञा की थी की जो उन्हें युद्ध में परास्त कर देगा उसी से वह विवाह करेंगी, किन्तु ऐसा करने में कोई सफल नहीं हुआ। अतः देवी धूमावती कुमारी हैं।
 
इस तरह करें माता की साधना:
  • सुबह उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • देवी धूमावती की प्रतिमा या चित्र को एक चौकी पर स्थापित करें।
  • उन्हें धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें।
  • 'धूं धूं धूमावती स्वाहा' या 'ॐ धूं धूं धूमावती देव्यै स्वाहा:' मंत्र का जाप करें।
  • देवी धूमावती की कथा पढ़ें या सुनें।
  • फिर आरती करें और देवी से अपनी मनोकामना पूर्ण करने को कहें।
  • तिल मिश्रित घी से इस महाविद्या की सिद्धि के लिए होम किया जाता है।
 
धूमावती की साधना से मिलती है ये सिद्धियां:
  • धूमावती की साधान करने से जातक उच्चाटन तथा मारण आदि विद्या में पारंगत हो जाता है।
  • देवी धूमावती की पूजा से वशीकरण शक्ति प्राप्त होती है। 
  • देवी धूमावती की पूजा से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है तथा दरिद्रता दूर होती है और धन-धान्य की प्राप्ति होती है। 
  • इस देवी धूमावती की पूजा से रोगों से मुक्ति भी मिलती है और मानसिक शांति प्राप्त होती है। 
  • देवी धूमावती की पूजा से दुर्भाग्य दूर होता है तथा संतानहीन दंपतियों को संतान की प्राप्ति होती है।
  • देवी धूमावती को रहस्यमयी और करुणामयी देवी के रूप में जाना जाता है।
 
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