गुरुवार, 12 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. अन्य त्योहार
  4. gajlakshmi vrat 2021 mahalakshmi vrat
Written By

महालक्ष्मी या गजलक्ष्मी व्रत : पितृपक्ष की अष्टमी के शुभ दिन मां लक्ष्मी को ऐसे करें प्रसन्न

महालक्ष्मी या गजलक्ष्मी व्रत : पितृपक्ष की अष्टमी के शुभ दिन मां लक्ष्मी को ऐसे करें प्रसन्न - gajlakshmi vrat 2021 mahalakshmi vrat
पितृपक्ष के बीच में महालक्ष्मी व्रत किया जाता है। यह व्रत राधा अष्टमी से शुरू होता है और पितृपक्ष की अष्टमी तक चलता है। पितृपक्ष की अष्टमी पर इस व्रत का समापन होता है। इस व्रत को गजलक्ष्मी व्रत भी कहा जाता है।
 
गजलक्ष्मी व्रत के दिन हाथी की पूजा और महालक्ष्मी के गजलक्ष्मी स्वरूप की पूजा की जाती है। इस साल यह व्रत मत-मतांतर से 28 और 29 सितंबर को मनाया जा रहा है। इस व्रत में मिट्टी के गज बनाए जाते हैं। मिट्टी के अलावा बाजार से चांदी की हाथी की मूर्ति लाकर भी पूजा कर सकते हैं।
 
इस दिन मां लक्ष्मी की शाम के समय पूजाकर उन्हें मीठे का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु ने इस दिन लक्ष्मी जी की प्राप्ति का मार्ग बताया था। यह व्रत 16 दिन तक चलता है। लक्ष्मी का रूप राधा के जन्म यानी राधा अष्टमी से लेकर पितृपक्ष की अष्टमी तक रोज 16 दिन व्रत किया जाता है और चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है। 16वें दिन विशेष पूजा अर्चना की जाती है।
 
इस तरह करें पूजा
महालक्ष्मी का पूजनव्रत करने के लिए शाम को लक्ष्मी जी की पूजा का स्थान गंगा जल से साफ करें।
इसके बाद रंगोली बनाएं या आटे या हल्दी से चौक पूरें।
इसके बाद एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा रखें।
इसके पास एक कलश गंगा जल से भरा हुआ रखें।
अब चांदी की लक्ष्मी जी की मूर्ति और हाथी की मूर्ति रखें।
पूजा में कोई सोने की वस्तु जरूर रखें।
इसके बाद कथा कहकर आरती करें। फूल, फल मिठाई और पंच मेवे चढ़ाएं।

सभी लिंक्स एक बार क्लिक कीजिए हर लेख में है एक नया राज 

ये भी पढ़ें
महालक्ष्मी व्रत 28 या 29 सितंबर को, कब मनाना है उचित, जानिए पंडितों की राय