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बलराम जयंती 2020 : जब बलराम दाऊ के क्रोध से मच गया था कोहराम,कांप गए थे कौरव

बलराम जयंती 2020 :  जब बलराम दाऊ के क्रोध से मच गया था कोहराम,कांप गए थे कौरव - Balarama Jayanti 2020 katha
Balarama Jayanti 2020


एक समय था जब कृष्ण और दुर्योधन के कुटुंब के बीच कोहराम मच गया था और अंतत: एक भयानक युद्ध हुआ था। दरअसल, भगवान कृष्ण की 8 पत्नियों में से एक जाम्बवती थीं। जाम्बवती-कृष्ण के पुत्र का नाम साम्ब था। इसी साम्ब के कारण ही कृष्ण के कुल का नाश हो गया था। महाभारत अनुसार इस साम्ब का दिल दुर्योधन और भानुमती की पुत्री लक्ष्मणा पर आ गया था और वे दोनों प्रेम करने लगे थे। भानुमती सुदक्षिण की बहन और दुर्योधन की पत्नी थीं।
 
दुर्योधन के पुत्र का नाम लक्ष्मण था और पुत्री का नाम लक्ष्मणा था। दुर्योधन अपनी पुत्री का विवाह श्रीकृष्ण के पुत्र से नहीं करना चाहता था। इसलिए एक दिन साम्ब ने लक्ष्मणा से प्रेम विवाह कर लिया और लक्ष्मणा को अपने रथ में बैठाकर द्वारिका ले जाने लगा। जब यह बात कौरवों को पता चली तो कौरव अपनी पूरी सेना लेकर साम्ब से युद्ध करने आ पहुंचे।
 
कौरवों ने साम्ब को बंदी बना लिया। इसके बाद जब श्रीकृष्ण और बलराम को पता चला, तब बलराम हस्तिनापुर पहुंच गए। बलराम ने कौरवों से निवेदनपूर्वक कहा कि साम्ब को मुक्त कर उसे लक्ष्मणा के साथ विदा कर दें, लेकिन कौरवों ने बलराम की बात नहीं मानी।

ऐसे में बलराम का क्रोध जाग्रत हो गया। तब बलराम ने अपना रौद्र रूप प्रकट कर दिया। वे अपने हल से ही हस्तिनापुर की संपूर्ण धरती को खींचकर गंगा में डुबोने चल पड़े। यह देखकर कौरव भयभीत हो गए।

संपूर्ण हस्तिनापुर में हाहाकार मच गया। सभी ने बलराम से माफी मांगी और तब साम्ब को लक्ष्मणा के साथ विदा कर दिया। बाद में द्वारिका में साम्ब और लक्ष्मणा का वैदिक रीति से विवाह संपन्न हुआ।

 
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