बुधवार, 11 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. एनआरआई
  3. आपकी कलम
  4. Poem on Life

प्रवासी हिंदी कविता : जिंदगी के चार पाए

प्रवासी हिंदी कविता : जिंदगी के चार पाए - Poem on Life
pravasi poem
 
स्वास्थ, सद्‌बुद्धि, हिम्मत, मेहनत
चार पाए हैं ऐसी खटिया के  
जिन पर टिक कर
आराम से कटती है जिंदगी  
 
जब एक टूट जाए
बाकी तीनों का संतुलन भी
बिगड़ जाए अचानक से
मुश्किल में पड़ जाए जिंदगी  
 
एक छोटा, एक बड़ा हो
तब और भी गड़बड़
ना टिके, ना संभले
बिगड़ जाए संतुलित जिंदगी  
 
किस्मत के भरोसे छोड़ दो
वक्त से सड़ने-गलने लगेंगे
रख-रखाव ख्याल रख लोगे
ताउम्र टिकाऊ मजबूत रहे जिंदगी।

वेबदुनिया पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)

ये भी पढ़ें
हिंदुस्तान जिंदाबाद, पर करदाता को मात्र धन्यवाद